Janmashtami 2025 Preparations: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, एक ऐसा पर्व जो सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और श्रद्धा का उत्सव है. जब-जब यह दिन आता है, भक्तों के मन में बाल गोपाल के स्वागत का उत्साह चरम पर होता है. इस वर्ष मुरलीमनोहर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 15 और 16 अगस्त को मनाया जाएगा.
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अर्धरात्रि के समय हुआ था, इसलिए 16 अगस्त की रात 12:05 से 12:47 के बीच का समय जन्मोत्सव की पूजा के लिए सबसे उत्तम है. लेकिन तैयारी सुबह से ही शुरू हो जाती है, घर सजते हैं, झांकियां बनती हैं, और मन भाव विभोर हो उठता है.
अगर आप भी बाल गोपाल के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते, तो आइए जानते हैं कि पूजा में किन चीज़ों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
सजावट के लिए सामग्री...
बाल गोपाल की झांकी सजाने के लिए आप इन चीजों को शामिल करें:
छोटे पौधे और तुलसी
माखन-मटकी की झांकी
फूलों की माला और रंगोली
मोरपंख, झूला, मुरली
गाय की मूर्तियां, बांसुरी, दीपक
कान्हा के श्रृंगार के लिए सामग्री...
श्रीकृष्ण के श्रृंगार में इन वस्तुओं का विशेष महत्व है:
सुंदर वस्त्र, मुकुट, मोरपंख
कंगन, पायल, कुंडल, कमरबंद
वैजयंती माला, फूलों की माला
मुरली (बांसुरी) और पिठासीन आसन
भोग में अर्पित करें ये वस्तुएं...
कृष्ण को भोग लगाने के लिए ये चीजें प्रमुख हैं:
माखन मिश्री (कान्हा का प्रिय भोग)
पंजीरी, पंचामृत, खीर
मौसमी फल जैसे केला, ककड़ी
मिठाइयां, तुलसी के पत्ते सहित
पूजा की अनिवार्य सामग्री...
पूजा विधि को पूर्ण बनाने के लिए शामिल करें:
कान्हा जी की मूर्ति या तस्वीर
कुमकुम, हल्दी, अक्षत, गोपी चंदन
कपूर, लौंग, इलायची, धूपबत्ती
कलश, पान, सुपारी, गंगाजल
सिक्का, लाल कपड़ा, नारियल, केसर
दूध, दही, शहद, घी, तुलसी दल
भक्ति से मनाएं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण की पूजा में वस्तुएं जितनी जरूरी हैं, उससे कहीं ज़्यादा जरूरी है आपकी सच्ची भक्ति और भाव. जब मन में श्रद्धा हो, तो छोटी से छोटी चीज़ भी ईश्वर को प्रिय लगती है. इस जन्माष्टमी पर बाल गोपाल को पूरे दिल से सजाएं, भोग लगाएं और उनका आशीर्वाद पाएं.
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