पहलगाम हमले के बाद आया हाफिज सईद के बेटे का भड़काऊ भाषण, पाकिस्तानी सेना और पुलिस दे रही है सुरक्षा

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक नया विवाद सामने आया है. लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद का एक हालिया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

    After the Pahalgam attack Hafiz Saeeds son gave a provocative speech Pakistani army and police are providing security
    तल्हा सईद/Photo- Internet

    इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक नया विवाद सामने आया है. लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद का एक हालिया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में वह एक सभा को संबोधित करते नजर आ रहा है, जहां मौजूद श्रोता उच्च शिक्षित तबके से प्रतीत होते हैं.

    कौन है तल्हा सईद?

    तल्हा सईद को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों में अहम भूमिका निभाने वाला बताया जाता है. वह इस संगठन के वैचारिक और रणनीतिक मोर्चों पर सक्रिय रहा है. 1975 में लाहौर में जन्मे तल्हा को उसके पिता की विरासत संभालते हुए देखा जाता है और माना जाता है कि वह संगठन की नई पीढ़ी का नेतृत्व कर रहा है.

    वीडियो में क्या दिखा?

    वायरल हो रहे वीडियो में तल्हा सईद एक मंच से संबोधन करता नजर आता है. इस दौरान उसके आस-पास पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की मौजूदगी भी देखी गई है. इस वीडियो की लोकेशन या तारीख की पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है. सभा में तल्हा ने अपने विचार रखे और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर चर्चा की. हालांकि, उसके भाषण में भारत विरोधी भावनाएं भी देखी गईं, जिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

    पाकिस्तानी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

    वीडियो में दिख रही सैन्य और पुलिस सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता जताई जा रही है. यदि रिपोर्ट्स की मानें, तो तल्हा सईद को पाकिस्तान में खुलकर घूमने, भाषण देने और लोगों को संबोधित करने की छूट है. यह स्थिति भारत और अन्य देशों के लिए चिंताजनक है, खासकर तब जब वह पहले भी भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा है.

    भारतीय एजेंसियों का नजरिया

    भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि तल्हा सईद लश्कर-ए-तैयबा के फंडिंग नेटवर्क, युवाओं की भर्ती, और रणनीतिक योजना जैसे कार्यों में अहम भूमिका निभाता है. उसे लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों से जोड़कर देखा जाता रहा है.

    वैश्विक नजरिया और प्रतिक्रिया

    संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका पहले ही लश्कर-ए-तैयबा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित कर चुके हैं. ऐसे में इसके वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराना और सार्वजनिक मंचों पर भाषण देना अंतरराष्ट्रीय कानूनों और प्रतिबद्धताओं के खिलाफ माना जा सकता है.

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