PM Modi के सम्मान से ड्रैगन को लगी मिर्ची! चीनी भोंपू ने मुइज्जू को लेकर क्या कहा?

    Global Times On PM Modi Maldives Visit: दक्षिण एशिया की समुद्री राजनीति में भारत की एक और निर्णायक जीत पर चीन की तिलमिलाहट साफ नजर आने लगी है.

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    Image Source: ANI/ File

    Global Times On PM Modi Maldives Visit: दक्षिण एशिया की समुद्री राजनीति में भारत की एक और निर्णायक जीत पर चीन की तिलमिलाहट साफ नजर आने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा और माले में उनके ऐतिहासिक स्वागत से चीन की नींद उड़ गई है.

    हाल ही में जब पीएम मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, तो माले एयरपोर्ट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक भारतीय प्रधानमंत्री का जो भव्य स्वागत हुआ, वह चीन को नागवार गुज़रा.

    भारत की तारीफ, चीन को बर्बाद

    चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर तीखा लेख छापा है. इसमें प्रधानमंत्री के स्वागत को 'ओवर हाइप' बताते हुए भारत को घेरने की नाकाम कोशिश की गई है. चीन को ये बात हज़म नहीं हो रही कि मालदीव, जिसे उसने पिछले कुछ सालों में भारी निवेश और रणनीतिक गठजोड़ों से बांधने की कोशिश की थी, अब फिर से भारत की ओर झुक रहा है.

    'इंडिया इन, चाइना आउट'

    ग्लोबल टाइम्स की तिलमिलाहट इस बात से भी है कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने लेख में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के रुख में बदलाव को 'यू-टर्न' कहा है. यही मुइज्जू चुनावों के समय ‘इंडिया आउट’ का नारा लगाकर सत्ता में आए थे, लेकिन अब भारत को ‘विश्वसनीय मित्र’ बता रहे हैं और खुद एयरपोर्ट पहुंचकर पीएम मोदी का स्वागत कर रहे हैं.

    चीन को क्यों लगी चोट?

    पीएम मोदी की यात्रा का संदेश साफ है कि भारत फिर से मालदीव की कूटनीतिक धुरी पर लौट आया है. यह वही मालदीव है, जहां चीन ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत अरबों डॉलर झोंके थे और बंदरगाहों से लेकर सड़क परियोजनाओं पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. लेकिन भारत की रणनीतिक सोच, विकास आधारित सहयोग और सांस्कृतिक जुड़ाव ने चीन की चमक फीकी कर दी.

    ग्लोबल टाइम्स की 'डैमेज कंट्रोल' कोशिश

    अपनी भद्द पिटती देख ग्लोबल टाइम्स ने लेख में कहा कि, “मालदीव एक संप्रभु राष्ट्र है और वह भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता देता है, लेकिन चीन के साथ भी दोस्ती बनाए रखेगा.”

    यह बयान एक तरह से कूटनीतिक हार का बचाव है, क्योंकि पीएम मोदी की यात्रा ने चीन की उस नीति पर पानी फेर दिया जिसमें वह छोटे देशों को ऋण और दबाव के जाल में फंसाकर उन्हें भारत से दूर करता रहा है.

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