नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम अपने दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सांसदों के लिए विशेष रात्रि भोज का आयोजन करेंगे. बिहार विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद यह मुलाकात राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यह कार्यक्रम पहले संसद के बीते सत्र के दौरान होना था, लेकिन पंजाब में बाढ़ की स्थिति के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया था.
सूत्रों के अनुसार, एनडीए के लगभग सभी सांसदों के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है और बैठक को गठबंधन की एकजुटता और आगामी राजनीतिक दिशा तय करने के मंच के रूप में देखा जा रहा है.
डिनर के लिए तैयारियां पूरी, 54 टेबल लगाए गए
इस हाई-प्रोफाइल भोज के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है. कार्यक्रम स्थल पर करीब 54 टेबल लगाए गए हैं. हर टेबल पर अलग-अलग सहयोगी दलों और भाजपा के कुल आठ सांसदों को बैठने की व्यवस्था की गई है, ताकि बातचीत सहज रहे और सभी दलों के प्रतिनिधियों के बीच संवाद बढ़ सके.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ओडिशा और पश्चिम बंगाल के सांसदों की व्यवस्था देख रहे हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को पूर्वोत्तर राज्यों से आने वाले सांसदों के समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है.
हर टेबल पर मौजूद रहेंगे एक केंद्रीय मंत्री
भोज को सिर्फ औपचारिक कार्यक्रम न बनाकर, एक कार्यशील संवाद मंच बनाया गया है. उस अनुसार, प्रत्येक टेबल पर एक केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी सभी टेबलों के पास व्यक्तिगत रूप से समय बिताने की उम्मीद है, जिससे सांसदों को सीधे पीएम से बातचीत करने का अवसर मिलेगा.
इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों के साथ एक बैठक कर सरकार की प्राथमिकताएं और आगामी संसदीय रणनीति साझा की थी. आज की बैठक में उस चर्चा को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है.
गठबंधन के लिए रचनात्मक संवाद का मंच
सूत्रों ने बताया कि यह रात्रि भोज केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि इसे गठबंधन के भीतर सामंजस्य और रचनात्मक चर्चा के मंच के रूप में डिजाइन किया गया है.
इस दौरान प्रधानमंत्री न सिर्फ विधायी प्राथमिकताओं पर बात करेंगे, बल्कि संसद के वर्तमान सत्र के लिए सरकार के बड़े एजेंडे का आकलन भी करेंगे और गठबंधन भागीदारों से फीडबैक भी लेंगे. इसमें शासन से जुड़ी पहलों, जनकल्याण से संबंधित योजनाओं और विकास से जुड़ी प्राथमिकताओं पर चर्चा हो सकती है.
चुनावी रणनीति पर भी हो सकती है चर्चा
कार्यक्रम में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री, एनडीए के प्रमुख नेता और सभी घटक दलों के सांसदों के भाग लेने की संभावना है. सूत्रों का यह भी कहना है कि आने वाले महीनों में होने वाले पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और असम के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बैठक में शुरुआती रणनीतिक रूपरेखा पर भी विचार किया जा सकता है.
एनडीए के कई सहयोगी दल इन राज्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए चुनावी माहौल को देखते हुए यह बैठक और भी अहम मानी जा रही है.
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