PM Modi Manipur visit: एक लंबे दौर की हिंसा, अविश्वास और अस्थिरता झेलने के बाद, मणिपुर आज एक नई सुबह की ओर बढ़ता दिख रहा है. यह परिवर्तन उस क्षण से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूर्वोत्तर राज्य की सरज़मीं पर कदम रखने जा रहे हैं. मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी, और उम्मीद की जा रही है कि यह दौरा न सिर्फ विकास की रफ्तार को गति देगा, बल्कि टूटे सामाजिक ताने-बाने को जोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा.
प्रधानमंत्री का यह दौरा दो अलग-अलग समुदायों, मैतेयी और कुकी के दिलों को जोड़ने का प्रयास है. इंफाल से लेकर चुड़ा चांदपुर तक, यह यात्रा केवल योजनाओं के शिलान्यास तक सीमित नहीं, बल्कि यह संदेश भी देती है कि भारत सरकार मणिपुर के हर नागरिक के साथ खड़ी है, बिना किसी भेदभाव के.
शांति, विकास और समावेशन की त्रयी
तीन मई 2023 को मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद शुरू हुई हिंसा ने पूरे राज्य को अस्थिर कर दिया था. मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच उपजे तनाव ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता को गहरा आघात पहुंचाया. कुकी बहुल क्षेत्रों में सड़क मार्गों को बंद कर देने से राज्य लगभग टुकड़ों में बंटा नजर आने लगा.
इन हालात के बीच केंद्र सरकार ने फरवरी 2024 में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर, शांति की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया. इसके तहत कुकी उग्रवादी गुटों ने दिल्ली में हुए समझौतों में "सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन" पर हस्ताक्षर किए और सहमति दी कि उनके शिविर मैतेयी इलाकों से हटाए जाएंगे. इसके साथ ही NH-2 और अन्य बंद मार्गों को खोलने पर भी सहमति बनी.
प्रधानमंत्री का दौरा क्यों है खास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर दौरा केवल एक राजकीय यात्रा नहीं, बल्कि एक भरोसे का प्रतीक है. इंफाल (मैतेयी बहुल) और चुड़ा चांदपुर (कुकी बहुल), दोनों ही जगहों पर जाकर पीएम मोदी ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि केंद्र सरकार मणिपुर के सभी समुदायों को बराबरी का दर्जा देती है.
इस दौरे में इंफाल में 3600 करोड़ और चुड़ा चांदपुर में 7300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की नींव रखी जाएगी. इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं, मणिपुर इंफोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और वर्किंग वुमेन हॉस्टल्स जैसे जन-उपयोगी कार्य शामिल हैं.
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