जगरेब/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में क्रोएशिया की राजधानी जगरेब पहुंचे. यह यात्रा विशेष रूप से ऐतिहासिक है, क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया में पहली आधिकारिक यात्रा है.
जगरेब हवाई अड्डे पर भारतीय समुदाय ने पारंपरिक मंत्रोच्चार और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने वहां रहने वाले प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की और भारतीय संस्कृति को दुनिया में आगे बढ़ाने में उनके योगदान की सराहना की.
राजनीतिक और रणनीतिक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशियाई प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच और राष्ट्रपति जोरोन मिलानोविच से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. चर्चा के केंद्र में आर्थिक सहयोग, रक्षा, समुद्री साझेदारी और यूरोपीय संघ के साथ रणनीतिक तालमेल जैसे विषय होंगे.
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत वैश्विक कूटनीतिक संतुलन साधने के प्रयासों में जुटा है — विशेष रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, भारत का यूरोप के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाना एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
दौरे के प्रमुख आयाम
क्रोएशिया: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ
क्रोएशिया ने 1991 में यूगोस्लाविया से स्वतंत्रता हासिल की थी. इसके बाद चार साल तक चले गृहयुद्ध ने देश को झकझोर दिया, लेकिन 1995 में शांति स्थापित होने के बाद क्रोएशिया ने तेज़ी से पुनर्निर्माण किया और आज यूरोप की सबसे आकर्षक टूरिज्म डेस्टिनेशन्स में से एक है.
क्या आप जानते हैं?
पहले चरण में साइप्रस में सर्वोच्च सम्मान
इस यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस से की थी, जहां उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'Grand Cross of the Order of Makarios III' प्रदान किया गया. मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया और इसे ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना से जोड़ा.
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