प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया ब्रिटेन दौरा भारत-यूके संबंधों के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. यह दौरा न केवल राजनीतिक संवाद का मंच बना बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक सहयोग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ प्रधानमंत्री मोदी की पहली औपचारिक भेंट चेकर्स कंट्री हाउस में हुई. यह मुलाकात एक अनौपचारिक 'चाय पर चर्चा' के साथ शुरू हुई, जिसने दोनों देशों के संबंधों में गर्मजोशी और मित्रता का परिचय दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात को एक यादगार क्षण बताया और सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि यह चाय, भारत-ब्रिटेन रिश्तों को और भी मजबूती दे रही है. इस अवसर पर दोनों नेताओं ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर सहमति होने की खुशी भी साथ मिलकर चाय के साथ मनाई.
आतंकवाद पर स्पष्ट रुख, दोहरे मापदंड को खारिज किया गया
इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति को दोहराया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी प्रकार की दोहरी सोच स्वीकार नहीं की जा सकती. उन्होंने उन ताकतों की आलोचना की जो कट्टरपंथ को बढ़ावा देकर लोकतांत्रिक मूल्यों का दुरुपयोग करती हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की निंदा करने के लिए उन्होंने ब्रिटिश सरकार का आभार भी जताया.
‘Chai Pe Charcha’ with PM Keir Starmer at Chequers...brewing stronger India-UK ties! @Keir_Starmer pic.twitter.com/sY1OZFa6gL
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2025
भारत-यूके व्यापारिक रिश्तों पर प्रदर्शनी
चेकर्स में दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस प्रदर्शनी में दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों की प्रगति को दर्शाया गया. पीएम मोदी ने इसे दो देशों के बीच आर्थिक सहयोग की मजबूती का प्रतीक बताया और उम्मीद जताई कि सीईटीए (विस्तृत आर्थिक और व्यापार समझौता) के लागू होने से साझेदारी को और गति मिलेगी.
वैश्विक मुद्दों पर भी हुई गंभीर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी और स्टार्मर ने यूक्रेन युद्ध, वेस्ट एशिया की स्थिति और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता पर भी विचार साझा किए. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह युग संघर्ष का नहीं, विकास का है, और सभी देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए.
आर्थिक अपराधियों की वापसी पर भी चर्चा
दोनों नेताओं के बीच सुरक्षा और कानून प्रवर्तन से संबंधित मामलों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक अपराधियों की भारत वापसी में ब्रिटेन से सहयोग मांगा. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ दोनों देश मिलकर कार्रवाई को और मजबूत करेंगे.
व्यापारिक जगत से संवाद
अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने ब्रिटेन के उद्योगपतियों से भी भेंट की. उन्होंने बताया कि भारत और ब्रिटेन के बीच सीईटीए समझौते के बाद निवेश और व्यापार के नए द्वार खुलेंगे. इस बातचीत में भविष्य की संभावनाओं और संयुक्त प्रोजेक्ट्स पर विचार हुआ.
क्रिकेट से जुड़े रिश्तों की मिठास
चेकर्स में प्रधानमंत्री मोदी और कीर स्टार्मर ने यूके के क्रिकेट हब्स के युवा खिलाड़ियों से भी मुलाकात की. मोदी ने इस मुलाकात को खेल और संस्कृति के माध्यम से दोनों देशों को जोड़ने वाला एक विशेष अवसर बताया. उन्होंने खिलाड़ियों को टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन भारतीय टीम के हस्ताक्षर वाला बैट भी उपहार में दिया.
किंग चार्ल्स से मुलाकात और पर्यावरण संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सैंड्रिंघम एस्टेट में ब्रिटेन के सम्राट किंग चार्ल्स तृतीय से शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत एक ‘रुमाल ट्री’ का पौधा भेंट किया, जो सैंड्रिंघम में शरद ऋतु के दौरान लगाया जाएगा. यह भेट न केवल पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है, बल्कि भारत-ब्रिटेन संबंधों में मानवीय और भावनात्मक जुड़ाव की मिसाल भी पेश करती है.
भारत-यूके संबंधों की नई दिशा
पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि यह दौरा दिखाता है कि भारत और ब्रिटेन हर क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं – चाहे वो व्यापार हो, रक्षा हो, शिक्षा हो या फिर विज्ञान और नवाचार. उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आतिथ्य के लिए उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि यह मेल-मुलाकात भविष्य की नींव को और मजबूत बनाएगी.
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