विंडहोक (नामीबिया): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया की राजधानी विंडहोक में औपचारिक स्वागत के साथ एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की. राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने स्टेट हाउस में उनका स्वागत किया, जहाँ उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई — यह सम्मान दर्शाता है कि भारत और नामीबिया के रिश्ते अब केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक स्तर पर गहराई हासिल कर रहे हैं.
#WATCH | PM Narendra Modi receives traditional welcome on his arrival in Windhoek, Namibia
— ANI (@ANI) July 9, 2025
The PM tries his hand at playing the Namibian traditional drums.
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27 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है. इससे पहले 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी और 1990 में वीपी सिंह व राजीव गांधी नामीबिया के स्वतंत्रता समारोह में शामिल हुए थे.
लोकसंस्कृति और नेतृत्व का मिलन
विंडहोक एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत पारंपरिक नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ. उन्होंने स्थानीय कलाकारों के साथ ढोल बजाकर उत्सव में भागीदारी दिखाई — यह भारत की "वसुधैव कुटुम्बकम" की भावना का एक और उदाहरण है.
#WATCH | Windhoek, Namibia: Prime Minister Narendra Modi receives a warm welcome from the members of the Indian diaspora as he arrives at the hotel where he will stay during his State Visit to Namibia.
— ANI (@ANI) July 9, 2025
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रणनीतिक साझेदारी के एजेंडे पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सहयोग की संभावना है:
हीरा व्यापार में प्रत्यक्ष आपूर्ति समझौता:
नामीबिया विश्व का सबसे बड़ा समुद्री हीरा उत्पादक है. अब तक ये हीरे भारत तक लंदन या एंटवर्प जैसे व्यापारिक केंद्रों के माध्यम से पहुँचते रहे हैं. मोदी की यह यात्रा डायरेक्ट डायमंड सप्लाई चेन के लिए नींव रख सकती है.
यूरेनियम और रेयर अर्थ मिनरल्स:
भारत की क्लीन एनर्जी और न्यूक्लियर एनर्जी योजनाओं को देखते हुए, नामीबिया से यूरेनियम और लिथियम, कोबाल्ट, रियर अर्थ एलिमेंट्स जैसे संसाधनों की आपूर्ति रणनीतिक मायने रखती है.
माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और डायमंड प्रोसेसिंग में निवेश:
भारतीय कंपनियों ने नामीबिया में ₹6,600 करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी का संकेत है.
चीतों की वापसी: पारिस्थितिकी संरक्षण में सहयोग
2022 में भारत और नामीबिया के बीच हुआ चीतों के स्थानांतरण का समझौता वैश्विक संरक्षण प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित हुआ.
17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से 8 अफ्रीकी चीते भारत लाए गए, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. इनमें से एक मादा चीता 'आशा' ने भारत में दिसंबर 2024 में तीन शावकों को जन्म दिया — यह परियोजना की सफलता का प्रमाण है.
यह दुनिया का पहला अंतरमहाद्वीपीय चीता ट्रांसफर था, और भारत इकलौता देश है जिसे नामीबिया ने जंगल में बसाने के लिए चीते ट्रांसफर किए.
बढ़ता हुआ व्यापारिक सहयोग
भारत और नामीबिया के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है:
विशेष रूप से डायमंड, मिनरल्स, फार्मास्युटिकल्स और सर्विस सेक्टर में सहयोग बढ़ा है. यह व्यापारिक प्रगति दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए नए अवसर खोल रही है.
एक व्यापक वैश्विक दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी का नामीबिया दौरा केवल द्विपक्षीय संवाद तक सीमित नहीं है. यह यात्रा 2 से 10 जुलाई तक की 5 देशों की विदेश यात्रा का हिस्सा है, जिसमें घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं.
इस पहल के माध्यम से भारत अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे भूभागों में नई रणनीतिक धुरी (Strategic Pivot) बनाने की दिशा में अग्रसर है — जो न केवल व्यापार, बल्कि ऊर्जा, संरक्षण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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