PM Modi in SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय दो दिवसीय दौरे पर चीन के तियानजिन शहर में हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. इस बहुप्रतीक्षित समिट में 20 से अधिक देशों के प्रमुख शामिल हो रहे हैं. लेकिन इस बार सबकी निगाहें खास तौर पर भारत और चीन के नेताओं के बीच हो रही बातचीत पर टिकी हैं. सात वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने हुए हैं, और यह मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है.
शनिवार को पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच तियानजिन के यिंगबिन होटल में करीब 40 मिनट तक द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस मीटिंग में सीमा पर शांति, व्यापार, द्विपक्षीय सहयोग और कूटनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई. भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी बैठक में मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली है. सीमा पर डिसएंगेजमेंट के बाद स्थिति में स्थिरता आई है. कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है, यह हमारे सांस्कृतिक रिश्तों की पुष्टि करता है. SCO समिट की सफल मेजबानी के लिए चीन को बधाई देता हूं. दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाए.”
चीन ने दिया विशेष स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी का चीन में बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया गया. तियानजिन एयरपोर्ट पर रेड कारपेट बिछाया गया और पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ उनका अभिनंदन किया गया. यह स्वागत इस बात का संकेत था कि चीन भी भारत के साथ संबंधों को फिर से पटरी पर लाने का इच्छुक है.
मुलाकात के प्रमुख एजेंडे
मोदी-जिनपिंग मुलाकात के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा होने की संभावना जताई गई थी, उनमें प्रमुख रूप से शामिल थे. सीमा पर शांति और विश्वास बहाली, द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के उपाय, चीनी ऐप्स पर भारत में लगे प्रतिबंध, SCO में आपसी सहयोग और एकजुटता, वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में नया संतुलन, अमेरिका के टैरिफ फैसलों के बीच हुई ये अहम भेंट.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत, चीन और अन्य SCO देशों पर भारी टैरिफ लगाने के निर्णय के बाद यह समिट और खास बन गया है.
भारत पर 50%, चीन पर 30%, और अन्य देशों पर 25% तक टैरिफ थोपे गए हैं. इस पृष्ठभूमि में मोदी और जिनपिंग की यह बातचीत एक साझा रणनीति की दिशा में कदम हो सकती है.सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी होने जा रही है. रूस, भारत और चीन के बीच त्रिपक्षीय सहयोग पर चर्चा की उम्मीद है, जिससे वैश्विक मंच पर एक नया संतुलन तैयार हो सकता है.
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