"दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमता का लोहा माना", मॉनसून सत्र से पहले PM मोदी का संबोधन

    संसद का मानसून सत्र इस बार सिर्फ विधायी कामकाज का अवसर नहीं, बल्कि राष्ट्र की उपलब्धियों के उत्सव का प्रतीक बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरुआत एक भावनात्मक और प्रेरणादायक संबोधन के साथ की, जिसमें उन्होंने देश के हालिया वैज्ञानिक, सैन्य और आर्थिक उपलब्धियों को रेखांकित किया.

    PM Modi's address before the parliament monsoon session
    Image Source: ANI/ File

    Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र इस बार सिर्फ विधायी कामकाज का अवसर नहीं, बल्कि राष्ट्र की उपलब्धियों के उत्सव का प्रतीक बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरुआत एक भावनात्मक और प्रेरणादायक संबोधन के साथ की, जिसमें उन्होंने देश के हालिया वैज्ञानिक, सैन्य और आर्थिक उपलब्धियों को रेखांकित किया.

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे मानसून धरती को नई ऊर्जा देता है, वैसे ही यह सत्र देश में नई उम्मीदों और नए संकल्पों का प्रतीक है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस वर्ष बारिश और जल भंडारण के आँकड़े पिछले 10 वर्षों की तुलना में तीन गुना बेहतर हैं, जो कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा वरदान है.

    अंतरिक्ष में लहराया तिरंगा, विज्ञान में नई छलांग

    पीएम मोदी ने भारत की हाल की ऐतिहासिक उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भारत का तिरंगा लहराना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है. उन्होंने इसे विज्ञान और नवाचार में भारत की तेज़ी से बढ़ती हुई उपस्थिति का प्रतीक बताया. प्रधानमंत्री ने कहा, "यह सत्र राष्ट्र गौरव और विजयोत्सव का है." उन्होंने आशा जताई कि इस सत्र में संसद के दोनों सदन एक स्वर में भारत की अंतरिक्ष यात्रा के इस नए अध्याय का यशगान करेंगे, जो भविष्य में और भी ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा बनेगा.

    सैन्य ताकत का प्रदर्शन और 'मेक इन इंडिया' की सफलता

    प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में भारतीय सेना द्वारा की गई तेज़ और सटीक कार्रवाई का भी ज़िक्र किया, जिसमें आतंकियों के खिलाफ महज़ 22 मिनट में बड़ी सफलता प्राप्त की गई. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन "मेक इन इंडिया" के तहत तैयार हथियारों और तकनीक की सफलता का भी परिचायक है. पीएम ने कहा, "दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमता का लोहा माना है". उन्होंने यह भी बताया कि जब वे विदेशों में नेताओं से मिलते हैं, तो भारत के रक्षा उत्पादन की तारीफ करते हैं.

     

    सत्र से प्रेरणा, सेना को सम्मान और युवाओं के लिए अवसर

    प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि जब संसद इस सत्र को "विजयोत्सव" के रूप में मनाएगी, तो इससे देश की सेना को सम्मान, नवाचार को प्रेरणा, और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि यह सत्र देश के लिए सिर्फ एक कार्यकाल नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और गौरवशाली भविष्य की नींव रखने का अवसर है.

    ये भी देखें- 

    ये भी पढ़ें- नहीं बाज आ रहा पाकिस्तान! UNSC में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी, भारत देगा मुंहतोड़ जवाब