10 मिनट तक बिना पायलट के उड़ता रहा प्लेन, 200 लोगों की जान पर आई बात; जानें फिर क्या हुआ?

    कल्पना कीजिए कि एक विमान 36,000 फीट की ऊँचाई पर तेज़ी से उड़ रहा है, उसमें लगभग 200 लोग सवार हैं, और अचानक कॉकपिट में मौजूद एकमात्र पायलट बेहोश हो जाए न कोई मानवीय नियंत्रण, न जवाब देने वाला व्यक्ति… सिर्फ़ मशीन पर निर्भर एक उड़ान. लुफ्थांसा एयरलाइंस की एक उड़ान में ऐसी ही एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसकी जानकारी अब सार्वजनिक की गई है.

    plane flew in air 10 minutes without pilot
    Image Source: Freepik

    कल्पना कीजिए कि एक विमान 36,000 फीट की ऊँचाई पर तेज़ी से उड़ रहा है, उसमें लगभग 200 लोग सवार हैं, और अचानक कॉकपिट में मौजूद एकमात्र पायलट बेहोश हो जाए न कोई मानवीय नियंत्रण, न जवाब देने वाला व्यक्ति… सिर्फ़ मशीन पर निर्भर एक उड़ान. लुफ्थांसा एयरलाइंस की एक उड़ान में ऐसी ही एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसकी जानकारी अब सार्वजनिक की गई है.

    क्या हुआ था लुफ्थांसा की फ्लाइट LH-1790 में?

    यह घटना 17 फरवरी 2024 की है, जब लुफ्थांसा की फ्लाइट LH-1790 फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) से सेविले (स्पेन) के लिए रवाना हुई थी. एयरबस A321 विमान में 199 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स सवार थे. उड़ान के दौरान जब मुख्य पायलट कुछ समय के लिए वॉशरूम गए, उसी दौरान कॉकपिट में अकेले मौजूद को-पायलट अचानक बेहोश हो गए. इस दौरान विमान पूरी तरह ऑटोपायलट मोड में चला गया और लगभग 10 मिनट तक बिना किसी मानवीय नियंत्रण के उड़ता रहा.

    कॉकपिट का दरवाज़ा कैसे खुला?

    मुख्य पायलट ने लौटने के बाद कई बार सामान्य तरीके से कॉकपिट का दरवाज़ा खोलने की कोशिश की, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. एयर होस्टेस ने इंटरकॉम के जरिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह भी नाकाम रही. आख़िरकार, पायलट ने आपातकालीन कोड का उपयोग किया जिससे दरवाज़ा अपने-आप खुलना था.  लेकिन इससे ठीक पहले, बेहोश को-पायलट ने किसी तरह होश में आकर दरवाज़ा खोल दिया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई.

    कैसे बची दर्जनों जानें?

    मुख्य पायलट ने स्थिति को तुरंत नियंत्रित करते हुए फ्लाइट को मैड्रिड की ओर मोड़ा और वहाँ सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग करवाई. को-पायलट को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. लुफ्थांसा एयरलाइंस ने अब इस घटना की पुष्टि की है और बताया है कि फ्लाइट सेफ्टी विभाग ने इस पर आंतरिक जांच भी की थी. हालांकि, इस जांच की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

    फ्लाइट सेफ्टी पर फिर से उठे सवाल

    यह घटना उड़ानों में क्रू की सेहत, ऑटोमैटिक सिस्टम पर निर्भरता और आपातकालीन प्रक्रियाओं को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती है. क्या भविष्य में ऐसे जोखिमों से बचने के लिए नए सुरक्षा मानकों की जरूरत है? क्या एक पायलट के कॉकपिट से बाहर होने पर कोई दूसरा क्रू मेंबर अंदर रहना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब अब एविएशन इंडस्ट्री को ढूंढने होंगे.

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