Pitrupaksha Mela: पिंडदान के महापर्व पितृपक्ष मेला 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और विष्णुनगरी गयाजी में तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है. 6 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलने वाला यह विश्व प्रसिद्ध श्राद्ध पर्व एक बार फिर लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव देने को तैयार है.
इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने मिलकर तैयारियों की कमान संभाल ली है.
मेला कार्यक्रम और पिंडदान की तिथियां
गयाजी में पिंडदान की शुरुआत 6 सितंबर को पुनपुन या गोदावरी श्राद्ध से होगी, और समापन 22 सितंबर को गायत्री घाट पर मातामाह श्राद्ध तथा आचार्य विदाई के साथ होगा.
तारीख पिंडदान स्थल / विशेषता
06 सितंबर पुनपुन या गोदावरी श्राद्ध
07 सितंबर फल्गु नदी स्नान और तर्पण (त्रिपाक्षिक श्राद्ध प्रारंभ)
08-22 सितंबर ब्रह्मकुंड, रामशिला, सीताकुंड, गयासिर आदि प्रमुख स्थानों पर पिंडदान
19 सितंबर पितरों की दीपावली और दूध तर्पण
22 सितंबर गायत्री घाट पर अंतिम श्राद्ध व समापन समारोह
कुंभ की तर्ज पर होगी मेले में सफाई
नगर निगम ने इस बार साफ-सफाई को उच्च प्राथमिकता देते हुए तीन एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है. कुंभ मेले जैसी स्वच्छता व्यवस्था लागू की जा रही है. पूरे आयोजन में 12 करोड़ रुपये की लागत से शौचालय, सड़क, पेयजल, रंगाई-पुताई और नालियों की मरम्मत जैसी सुविधाएं दुरुस्त की जाएंगी.
धर्मशालाओं और निजी आवासों की होगी जांच
श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए दिए जाने वाले निजी आवास और धर्मशालाओं को डीएम शशांक शुभंकर ने अनुमति से पहले भौतिक सत्यापन के आदेश दिए हैं. अब तक 134 निजी घरों और 525 धर्मशालाओं से आवेदन प्राप्त हो चुके हैं.
2500 तीर्थ यात्रियों के लिए निःशुल्क ठहरने की सुविधा
गांधी मैदान में 2500 क्षमता वाली भव्य टेंट सिटी बनाई जा रही है, जिसमें तीर्थ यात्रियों को नि:शुल्क रहने की सुविधा दी जाएगी. इसमें शुद्ध पेयजल, स्नानगृह, शौचालय, बिजली के साथ एलईडी स्क्रीन से सूचना और मनोरंजन की व्यवस्था होगी.
24x7 कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर
श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए विष्णुपद मंदिर के पास संवाद सदन में एक 24 घंटे चालू कंट्रोल रूम खोला गया है. जरूरत पड़ने पर तीर्थ यात्री इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
92666 28168, 0631-2222500, 0631-2222253/59
वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं निरीक्षण
पितृपक्ष मेले को यादगार और सुचारु बनाने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. सफीना एएन, आईजी छात्रनील सिंह, डीएम शशांक शुभंकर और नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. रोजाना मेलास्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था को समय रहते सुधारा जा सके.
आध्यात्मिक परंपरा और श्रद्धा का संगम
गया का पितृपक्ष मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और आत्मीय मोक्ष की परंपरा का जीवंत प्रतीक है. देश-विदेश से लाखों तीर्थ यात्री अपने पितरों की शांति के लिए यहां पहुंचते हैं. प्रशासन की तैयारी इस बात की ओर संकेत कर रही है कि 2025 का मेला पहले से भी अधिक व्यवस्थित और भव्य होगा.
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