भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा संबंधों में हाल के दिनों में अप्रत्याशित गर्मजोशी देखने को मिल रही है. भारत के दौरे पर आए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड 'बोंगबोंग' मार्कोस जूनियर ने भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की प्रशंसा करते हुए इस दिशा में और सहयोग बढ़ाने का संकेत दिया है. खासकर 'ऑपरेशन सिंदूर' में इस मिसाइल की भूमिका ने फिलीपींस को खासा प्रभावित किया है.
फिलीपींस के राष्ट्रपति ने खुलासा किया कि उन्होंने भारत के रक्षा अधिकारियों से विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस के उपयोग की रणनीति को समझने के लिए संपर्क किया है. उनका कहना था कि यह मिसाइल जिस प्रकार पाकिस्तान में चीनी वायु रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय करने में सफल रही, उसने दुनिया का ध्यान खींचा है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तकनीक को अपनाना फिलीपींस की सैन्य क्षमताओं को नए स्तर पर ले जा सकता है.
चीन से बढ़ते तनाव के बीच सैन्य मजबूती पर जोर
हालिया वर्षों में दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन और फिलीपींस के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. इस पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति मार्कोस ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार युद्ध नहीं चाहती, लेकिन देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सैन्य सुदृढ़ीकरण जरूरी है. उन्होंने कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अपने क्षेत्रीय हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.”
भारत-फिलीपींस रणनीतिक साझेदारी की नई दिशा
फर्स्टपोस्ट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में राष्ट्रपति मार्कोस ने बताया कि उनकी भारत यात्रा केवल रक्षा सहयोग तक सीमित नहीं रही, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर भी अहम बातचीत हुई. उन्होंने बताया कि फिलीपींस और भारत एक तरजीही व्यापार समझौते (पीटीए) की दिशा में ठोस कदम उठा चुके हैं.
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के नए द्वार
नई दिल्ली में आयोजित 'भारत-फिलीपींस सीईओ गोलमेज बैठक' में मार्कोस ने भरोसा दिलाया कि फिलीपींस भारतीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नियामकीय सुधारों और कारोबारी सुगमता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में भारत-फिलीपींस द्विपक्षीय व्यापार 3.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और इसे और आगे ले जाने के प्रयास तेज किए गए हैं.
रणनीतिक संबंधों में नया मोड़
राष्ट्रपति मार्कोस के भारत दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलीपींस अब भारत के साथ सिर्फ कूटनीतिक रिश्तों तक सीमित नहीं रहना चाहता. ब्रह्मोस जैसी अत्याधुनिक मिसाइलों से लेकर व्यापारिक साझेदारी तक, दोनों देश एक व्यापक रणनीतिक गठबंधन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. यह साझेदारी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बदलती भौगोलिक-राजनीतिक स्थिति में एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है.
यह भी पढ़ें: यूनुस से लेगा बदला शेख हसीना का बेटा! चुनाव को लेकर आवामी लीग ने तैयार कर लिया ये प्लान