राजधानी पटना में शनिवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया, जब पीरबहोर थाना क्षेत्र के बाकरगंज मोहल्ले की एक तंग गली में एक के बाद एक दो बम धमाके हुए. इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. धमाकों में एक सात वर्षीय बच्ची मामूली रूप से घायल हुई है, जिसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है.
रात 10 बजे गूंजे धमाके, दुकानदारों में मची भगदड़
शनिवार की रात लगभग 10 बजे जब बाकरगंज के इलेक्ट्रॉनिक मार्केट और आसपास की दुकानें बंद हो रही थीं और ग्राहक इक्का-दुक्का बचे थे, तभी अचानक एक तेज धमाका हुआ. दुकानदार अपनी दुकानें समेट ही रहे थे कि थोड़ी ही देर में दूसरा धमाका भी हो गया. दोनों धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि इलाके में भगदड़ मच गई और लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे.
इलाके में पसरा सन्नाटा, पुलिस ने संभाला मोर्चा
धमाकों के बाद कुछ देर तक इलाके में गहरी खामोशी छा गई. करीब 15 मिनट तक लोग घरों में दुबके रहे. फिर धीरे-धीरे बाहर निकले और धमाके की दिशा में दौड़े. इस बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पीरबहोर थाना सहित अन्य थानों की टीम पहुंची. जांच के दौरान घटनास्थल से बम के अवशेष, स्प्लिंटर, सुतली और बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला अन्य सामान बरामद किया गया.
एफएसएल टीम जुटी साक्ष्य जुटाने में, सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस
पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम को मौके पर बुलाया, जिसने साक्ष्य एकत्र किए हैं. प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि इन धमाकों का उद्देश्य जान-माल की क्षति नहीं, बल्कि क्षेत्र में डर फैलाना था, क्योंकि बम की घातक क्षमता बेहद कम थी. पुलिस अब आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि आरोपित की पहचान की जा सके.
दरवाजे पर बैठी मासूम बच्ची घायल, इलाज जारी
जांच में यह सामने आया है कि एक सात साल की बच्ची अपने घर के दरवाजे के पास पिता के लौटने का इंतजार कर रही थी. तभी धमाके में एक स्प्लिंटर उसके शरीर से आ टकराया, जिससे वह घायल हो गई. बच्ची की चीख सुनकर मोहल्ले के लोग उसकी ओर दौड़े और तुरंत उसे पीएमसीएच पहुंचाया गया. डॉक्टरों के अनुसार बच्ची खतरे से बाहर है.