पापुआ न्यू गिनी ने जब अपने 50वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया, तो इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय नौसेना का INS कदमत्त मुख्य आकर्षण बनकर उभरा. स्वदेशी तकनीक से निर्मित यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर जहाज न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाता है, बल्कि पापुआ न्यू गिनी के साथ भारत के गहरे होते समुद्री सहयोग और रणनीतिक संबंधों का भी प्रतीक बना.
4 सितंबर को पोर्ट मोर्सेबी में आयोजित विशेष समारोह के दौरान मोबाइल फ्लीट रिव्यू का नेतृत्व INS कदमत्त ने किया. यह आयोजन न केवल नौसैनिक परंपराओं का प्रदर्शन था, बल्कि विभिन्न देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल और आपसी विश्वास को भी मजबूत करता है.
सात युद्धपोतों की साझा भागीदारी
इस समारोह में INS कदमत्त के साथ अन्य छह जहाज़ों ने भी भाग लिया, जिनमें शामिल थे.
समन्वय और संचालन में भारतीय नौसेना की दक्षता
एक बहुराष्ट्रीय और विविध तकनीक से लैस प्लेटफॉर्मों वाले इस आयोजन में INS कदमत्त को ऑफिसर कंडक्टिंग सीरियल (OCS) की भूमिका सौंपी गई थी. इस ज़िम्मेदारी को संभालते हुए, INS कदमत्त ने सभी जहाजों को समुचित ब्रीफिंग, मार्गदर्शन और आदेश जारी किए ताकि संचालन पूर्ण सुरक्षा और सटीकता के साथ किया जा सके. सभी जहाज एक समान पंक्ति में 600 गज की दूरी पर चलकर अपने सलामी स्थलों तक पहुंचे और तयशुदा वक्त पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई.
सफल आयोजन और साझेदारी का प्रतीक
इस भव्य आयोजन का समापन अत्यंत सफलतापूर्वक हुआ, जहां सभी जहाज़ सुरक्षित रूप से आगे बढ़े. आयोजन ने पापुआ न्यू गिनी और भारत के बीच नौसेनिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया.
हिंद-प्रशांत में भारत की साख
यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि भारतीय नौसेना एक प्रशिक्षित, सुसज्जित और पेशेवर बल के रूप में उभर रही है, जो बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में न केवल हिस्सा ले सकती है, बल्कि उसका नेतृत्व भी कर सकती है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका अब महज़ एक भागीदार की नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद और पसंदीदा सुरक्षा सहयोगी की बन चुकी है.
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