देखते रह गए जेलेंस्की...रूस ने कब्जा लिया एक और इलाका, ट्रंप बोले- मेरी सबसे बड़ी नाकामी

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग एक बार फिर भड़क उठी है. महीनों से चल रही यह लड़ाई अब नए मोड़ पर पहुंच गई है. 6 सितंबर को पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में स्थित मार्कोवे कस्बा पूरी तरह से रूसी नियंत्रण में चला गया है.

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    रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग एक बार फिर भड़क उठी है. महीनों से चल रही यह लड़ाई अब नए मोड़ पर पहुंच गई है. 6 सितंबर को पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में स्थित मार्कोवे कस्बा पूरी तरह से रूसी नियंत्रण में चला गया है. वहीं दूसरी ओर यूक्रेन ने रूस की रियाजान ऑयल रिफाइनरी और लुहान्स्क के ऑयल डिपो पर जवाबी ड्रोन हमले कर अपनी रणनीति को और तेज़ कर दिया है.

    रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, रूस के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि डोनेट्स्क के अहम कस्बे मार्कोवे पर अब पूरी तरह से उनकी सेना का कब्ज़ा है. यह इलाका लंबे समय से संघर्ष की ज़द में रहा है और रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है.

    यूक्रेन का पलटवार - ड्रोन से रिफाइनरी पर हमला

    यूक्रेन की ड्रोन यूनिट के प्रमुख रॉबर्ट ब्रॉवदी के मुताबिक, उनकी टीम ने रूस की रियाजान ऑयल रिफाइनरी और लुहान्स्क के ऑयल डिपो को टारगेट किया. रूसी गवर्नर पावेल मालकोव ने जानकारी दी कि रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने आठ ड्रोन मार गिराए, हालांकि कुछ मलबा औद्योगिक क्षेत्र में गिरा. राहत की बात यह रही कि जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ.

    डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान – “यूक्रेन युद्ध मेरी सबसे बड़ी नाकामी”

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कांग्रेस सदस्यों के साथ डिनर के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक अहम स्वीकारोक्ति की. उन्होंने कहा, “हमने केवल सात महीनों में सात जंगें रोकीं, लेकिन यूक्रेन युद्ध जिसे मैंने सबसे आसान समझा था, वही सबसे कठिन साबित हुआ. पुतिन से मेरे अच्छे रिश्ते भी कोई काम नहीं आए. ट्रंप के इस बयान से साफ है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की रणनीति अब तक निर्णायक नहीं रही है.

    जेलेंस्की की नई योजना: विदेशी सैनिकों की तैनाती की तैयारी

    यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने संकेत दिए हैं कि देश में हजारों विदेशी सैनिक तैनात किए जा सकते हैं. यह कदम “Coalition of the Willing” नामक गठबंधन के तहत उठाया जा सकता है, जिसकी अगुवाई फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों कर रहे हैं.

    पुतिन की चेतावनी: विदेशी सैनिक होंगे ‘वैध निशाना’

    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पष्ट किया कि अगर यूक्रेन में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी होती है तो उन्हें रूसी सेना वैध सैन्य लक्ष्य मानेगी. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कोई दीर्घकालिक शांति समझौता होता है, तो विदेशी तैनाती की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

    उत्तर कोरियाई सैनिकों पर रूस की सफाई

    क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि उत्तर कोरिया के सैनिक रूस की सहायता कर रहे हैं, लेकिन वे सिर्फ रूसी सीमा के भीतर ही तैनात हैं. यूक्रेनी सीमा पर उनकी मौजूदगी के आरोपों को पूरी तरह नकारा गया है.

    कनाडा की चेतावनी: रूस पर नए प्रतिबंध जल्द

    कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने संकेत दिए हैं कि रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है. यह दबाव इसलिए बनाया जा रहा है ताकि पुतिन सरकार को युद्ध रोकने के लिए मजबूर किया जा सके.

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