'हमें बचाने पैगम्बर आए और मिसाइलों की रक्षा किए...' भारत के हमले को याद कर रोया पाकिस्तानी एक्सपर्ट

    भारत द्वारा 6 से 10 मई के बीच चलाए गए सशक्त ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रभाव पाकिस्तान की जमीन से कहीं आगे तक महसूस किए जा रहे हैं.

    Lal Topi started crying remembering Indias attack on Pakistan
    जैद हामिद/Photo- Internet

    इस्लामाबाद: भारत द्वारा 6 से 10 मई के बीच चलाए गए सशक्त ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रभाव पाकिस्तान की जमीन से कहीं आगे तक महसूस किए जा रहे हैं. भले ही दोनों देशों के बीच अब संघर्षविराम लागू हो चुका हो, लेकिन पाकिस्तान के अंदरूनी हालात इस सैन्य दबाव से अब भी उबर नहीं पाए हैं.

    पाकिस्तानी सेना के कट्टर समर्थक और विवादित विश्लेषक जैद हामिद, जिन्हें उनके फॉलोअर्स 'लाल टोपी' के नाम से पहचानते हैं, एक टीवी इंटरव्यू में भावुक होकर रोने लगे. वजह? भारत के जवाबी सैन्य प्रहार ने न सिर्फ पाकिस्तान के सामरिक संतुलन को झकझोर दिया, बल्कि उसके मनोबल को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया.

    रसूल अल्लाह पाकिस्तान की रक्षा के लिए आए थे

    हामिद ने इस टीवी शो में एक चौंकाने वाला बयान दिया कि भारत के हमलों के दौरान पाकिस्तान को बचाने के लिए “रूहानी ताकतें” और पैगंबर मोहम्मद स्वयं मदद के लिए आए.

    उन्होंने दावा किया कि, "1965 और 1971 की लड़ाइयों की तरह इस बार भी कई लोगों ने सपने में देखा कि पैगंबर पाकिस्तान की मदद को आए. एक बच्चे ने बताया कि उसने पैगंबर को पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइलों की निगरानी करते देखा."

    जैद हामिद ने बच्चे की बात को "सच्चा अनुभव" बताते हुए इसे इस्लामी चमत्कार के तौर पर पेश किया और कैमरे के सामने खुद को आंसुओं से रोक नहीं सके.

    भारत की सैन्य रणनीति बनी दबाव का कारण

    भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक सुनियोजित और उच्च तकनीक से लैस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी लॉन्च पैड तबाह कर दिए. यह हमला सीमाओं को पार किए बिना सटीक निर्देशित हथियारों की मदद से किया गया था.

    इस दौरान भारत ने-

    • 11 पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया
    • लाहौर में चीनी निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय किया
    • लगभग 100 आतंकियों को ढेर किया

    पाकिस्तान की प्रतिक्रिया में की गई जवाबी कार्रवाई को भारत की एडवांस एयर डिफेंस ने पूरी तरह निष्फल कर दिया.

    अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर पाकिस्तान की बेचैनी

    भारत के सैन्य दबाव और बढ़ते वैश्विक समर्थन के चलते पाकिस्तान ने कई देशों से युद्धविराम के लिए मध्यस्थता की अपील की, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर संघर्षविराम की घोषणा की.

    भावनाओं से रणनीति की ओर लौटेगा पाकिस्तान?

    जैद हामिद के हालिया बयान और भावुक प्रतिक्रिया पाकिस्तान के भीतर पनप रही हताशा और भ्रम की स्थिति को उजागर करती है. जब सैन्य और कूटनीतिक पराजय सामने हो, तब धार्मिक कथाएं और रूहानी तर्कों की ओर झुकाव अक्सर देखा जाता है.

    लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान को अब भावनात्मक नारों से हटकर नीतिगत समीक्षा करनी होगी. वरना आने वाले समय में भारत जैसी सैन्य रणनीति और तकनीकी श्रेष्ठता रखने वाली ताकत के सामने उसकी स्थिति और कमजोर होती जाएगी.

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