'हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत...' पाकिस्तानी रक्षा मंत्री को सता रहा हमले का डर, देखें वीडियो

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक टेलीविज़न इंटरव्यू में भारत के साथ संभावित सैन्य तनाव को लेकर चिंता जताई है.

    Pakistani Defense Minister is afraid of Indian attack
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    इस्लामाबाद / नई दिल्ली: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक टेलीविज़न इंटरव्यू में भारत के साथ संभावित सैन्य तनाव को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तान पर दोबारा सैन्य कार्रवाई की आशंका बनी हुई है. इसके साथ ही उन्होंने संवाद की जरूरत, कश्मीर मुद्दे के समाधान और जल समझौतों के पालन पर भी जोर दिया.

    हम भारत से बात करना चाहते हैं- ख्वाजा आसिफ

    ख्वाजा आसिफ ने इंटरव्यू में कहा, "हम भारत से बात करना चाहते हैं. लेकिन अगर पानी को रोकने जैसी कार्रवाइयों की गईं, तो पाकिस्तान इसे युद्ध की कार्रवाई मानेगा. हम चाहते हैं कि क्षेत्र में अमन हो, और कश्मीर जैसे मुद्दों का हल हो. अगर वो पानी रोकेंगे तो इसे पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई घोषित किया जाएगा. एक वक्त था कि अमेरिका जो था, वो हिंदुस्तान के साथ बड़ा क्लियर कट खड़ा होता था. इस वक्त उन्होंने जो पार्ट प्ले किया है, उसमें पाकिस्तान की फतह हुई है और पाकिस्तान के साथ उस सीजफायर को भारत क्यों इनकार कर रहा है कि जी इसमें अमेरिका का कोई रोल नहीं है."

    उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत की तरफ से सैन्य कार्रवाई की आशंका को पाकिस्तान हल्के में नहीं ले रहा है.

    भारत की कार्रवाई- ऑपरेशन 'सिंदूर'

    गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित हवाई कार्रवाई की थी. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से सीमित जवाबी सैन्य गतिविधि दर्ज की गई, लेकिन भारत ने 8 और 9 मई को आतंक-समर्थित सैन्य ढांचों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए कई ठिकानों को निष्क्रिय किया.

    इस सैन्य दबाव के चलते पाकिस्तान ने युद्धविराम की तत्काल मांग की और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति की अपील की.

    आसिफ ने अमेरिका की भूमिका का किया जिक्र

    पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने अमेरिका की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा कि हालिया घटनाओं में अमेरिका ने पाकिस्तान के रुख को समर्थन दिया और यह भारत के लिए एक स्पष्ट संदेश है. उन्होंने सवाल उठाया कि भारत क्यों अमेरिका की भागीदारी को सार्वजनिक रूप से नकार रहा है.

    भारत का रुख: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं

    भारत सरकार ने इन आरोपों पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विदेश मंत्रालय और रक्षा सूत्रों ने पहले भी स्पष्ट किया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को अपने आत्मरक्षा के अधिकार के तहत देखता है. नई दिल्ली का रुख स्पष्ट है कि पाकिस्तान अगर शांति चाहता है, तो उसे सीमा पार आतंकवाद पर ठोस कदम उठाने होंगे.

    एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, "भारत ने कभी भी किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं किया, लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा."

    क्या बढ़ेगा तनाव या लौटेगी बातचीत की राह?

    पाकिस्तान की यह नई बयानबाज़ी ऐसे समय में आई है जब कुछ पश्चिमी देश, विशेषकर अमेरिका, दक्षिण एशिया में तनाव घटाने की कोशिशों में सक्रिय हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे बयानों से क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान हो सकता है, खासकर तब जब आतंकवाद, सीमा पार घुसपैठ और जल कूटनीति जैसे मुद्दों पर ठोस समाधान की जरूरत है.

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