इस्लामाबाद/वॉशिंगटन: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा हाल ही में दिया गया एक बयान भूचाल पैदा कर गया है. उन्होंने खुद स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने वर्षों तक भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित किया है और अमेरिका तथा पश्चिमी देशों के लिए ‘गंदे काम’ करता रहा है. यह बयान न केवल पाकिस्तान की विदेश नीति की पोल खोलता है, बल्कि उसकी वैश्विक छवि पर भी सवाल खड़े करता है.
हालांकि, इस गंभीर बयान पर जब अमेरिकी विदेश विभाग से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जवाब देने से कन्नी काट ली. उन्होंने न तो बयान की पुष्टि की, न ही उसकी आलोचना की.
अमेरिका की प्रतिक्रिया: “हम नजर रखे हुए हैं...”
जब टैमी ब्रूस से सीधे तौर पर इस बयान पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा "विदेश मंत्री भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के समकक्षों से संवाद कर रहे हैं. हम घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए हैं और सभी पक्षों को जिम्मेदार समाधान की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करते हैं. फिलहाल मेरे पास इससे संबंधित कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है." यह प्रतिक्रिया यह बताने के लिए काफी है कि अमेरिका इस संवेदनशील मसले को सावधानी से डिप्लोमैटिक ज़ोन में रखना चाहता है.
क्या ख्वाजा आसिफ को खुद पता है वो क्या कह रहे हैं?
ख्वाजा आसिफ के बयान और फिर उस पर पलटी ने पाकिस्तान के सियासी हलकों में भी संशय पैदा कर दिया है. उन्होंने एक ओर अमेरिका को तटस्थ बताया, वहीं दूसरी ओर उनके बयान से उलट अमेरिका की प्रवक्ता ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ सक्रिय संवाद की बात कही.
बयानबाज़ी में यू-टर्न
इससे पहले ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में यह तक कह दिया था कि “भारत के साथ युद्ध निश्चित है.” बाद में, दबाव में आकर उन्होंने सफाई दी कि यह सिर्फ “संभावना” थी, न कि कोई भविष्यवाणी. हालांकि, उन्होंने ये माना कि वर्तमान हालात में भारत-पाक बॉर्डर पर तनाव चरम पर है. इस तरह उनकी बयानबाज़ी ने पाकिस्तान की नीतियों और इरादों को लेकर और ज्यादा संदेह पैदा कर दिया है.
यह भी पढ़े: PAK की आंखों में साफ दिख रहा भारत का खौफ, बंकर में जा छिपे पाकिस्तान के आर्मी चीफ!