नई दिल्ली: हाल ही में पाकिस्तान एयरफोर्स (PAF) के एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने एक ऐसा दावा कर दिया जिसने रक्षा विशेषज्ञों से लेकर सोशल मीडिया तक, हर किसी को चौंका दिया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम हाइपरसोनिक हथियारों को भी इंटरसेप्ट कर सकता है.
दावे में दम होता तो शायद इसे गंभीरता से लिया जाता, लेकिन दुर्भाग्यवश—or कहें सौभाग्य से—इस बयान के कुछ ही घंटों के भीतर ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस मिसाइल हमलों की चपेट में आ गए.
'ऑपरेशन सिंदूर':
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा की गई सटीक और सफल स्ट्राइक्स ने पाकिस्तान के डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को गहरा नुकसान पहुंचाया. सैटेलाइट इमेजेस ने इस बात की पुष्टि की कि कई एयरबेस पर मुनासिब क्षति हुई, जबकि पाकिस्तान की ओर से इसका कोई ठोस जवाब सामने नहीं आया. ऐसे में औरंगजेब अहमद का हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने का दावा आत्म-महिमामंडन से अधिक कुछ नहीं लगा.
बयानबाज़ी या बचकाना कल्पना?
औरंगजेब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान ने भारत के राफेल फाइटर जेट्स को "centre of gravity" के आधार पर टारगेट किया. इस बयान ने सैन्य रणनीति की गंभीरता को हास्य का विषय बना दिया. न कोई फुटेज, न कोई सबूत—सिर्फ शब्दों की बाज़ीगरी.
The only thing this loser Aurangzeb managed to destroy was English..😂 pic.twitter.com/1gYKi4bv3e
— Cabinet Minister, Ministry of Memes,🇮🇳 (@memenist_) May 14, 2025
विशेषज्ञों ने इस ‘centre of gravity’ वाले बयान को ‘तकनीकी शब्दों के भ्रम’ की संज्ञा दी, जबकि सोशल मीडिया पर इसे कॉमिक सर्कस कहा गया.
सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
X (पूर्व में ट्विटर) पर औरंगजेब अहमद के बयान पर मीम्स की बाढ़ आ गई. कुछ यूज़र्स ने उनके वीडियो को "PAF की स्टैंडअप कॉमेडी नाइट" कह दिया, तो कुछ ने लिखा कि "अगर बातों से मिसाइल रोकी जाती, तो पाकिस्तान सुपरपावर होता."
Did this just beat “center of gravity”? 😁
— Charu Pragya🇮🇳 (@CharuPragya) May 15, 2025
His reply to a question on air-to-surface missile was - “academic discourse of a pretty intense kind”. 😂🤣
Pakistan’s Aurangzeb couldn't even explain his own air defence systems! pic.twitter.com/w6Zu7LaF7t
S-400 का सच और मोदी का जवाब
सबसे विवादास्पद दावा यह था कि पाकिस्तान ने भारत के आदमपुर एयरबेस पर तैनात S-400 सिस्टम को नष्ट कर दिया है. लेकिन कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी एयरबेस पर S-400 के ठीक सामने खड़े नजर आए. उनके वहां मौजूद होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और इस दावे की सच्चाई खुद ब खुद सामने आ गई.
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