इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के घटनाक्रमों ने क्षेत्रीय तनाव को फिर एक बार सतह पर ला दिया है. भारतीय कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच माहौल संवेदनशील बना हुआ है. इसी बीच सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपने परिवार को विदेश भेज दिया है. ABP न्यूज ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है. हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
पारिवारिक पलायन की रिपोर्ट
ABP न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, न केवल जनरल असीम मुनीर बल्कि कुछ अन्य पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के परिवार भी हाल ही में यूरोपीय देशों की ओर रवाना हुए हैं. इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह कदम भारत के संभावित सैन्य जवाब को ध्यान में रखकर उठाया गया हो सकता है. हालाँकि, यह भी संभव है कि यह एक सामान्य सुरक्षा प्रोटोकॉल हो.
आतंकी हमले के बाद उठे सवाल
22 जनवरी को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकियों की सीधी भूमिका रही है. कुछ विशेषज्ञों ने पाकिस्तान की सेना पर भी अप्रत्यक्ष समर्थन देने का आरोप लगाया है.
पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, "इतने सुनियोजित हमले पाकिस्तानी सैन्य तंत्र की जानकारी के बिना मुमकिन नहीं होते." वहीं भारत सरकार ने भी हमले को लेकर सख्त रुख अपनाया है और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में संभावित जवाबी कदमों पर चर्चा की गई.
जनरल मुनीर का भाषण चर्चा में
हमले से कुछ दिन पहले जनरल असीम मुनीर के एक भाषण की क्लिप्स सामने आई थीं, जिनमें उन्होंने कश्मीर को 'जगुलर वेन' कहा था और दो-राष्ट्र सिद्धांत की बात दोहराई थी. इस बयान को भारतीय विश्लेषक उकसावे के तौर पर देख रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान की ओर से इन आरोपों का खंडन किया गया है.
कूटनीतिक कोशिशें जारी
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों और मध्यस्थों के जरिए भारत के साथ सैन्य तनाव को कम करने की कोशिश में लगा है. संयुक्त राष्ट्र और ओआईसी जैसे संगठन इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं, हालांकि अब तक कोई औपचारिक हस्तक्षेप नहीं हुआ है.
भारत की रणनीतिक स्थिति स्पष्ट
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हाल ही में दिए बयान में स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति 'ज़ीरो टॉलरेंस' की है. उन्होंने कहा कि "सीमा पार से आतंकवाद भारत के लिए अस्वीकार्य है और इसका निर्णायक जवाब दिया जाएगा."
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