भारत के साथ जंग के सपने, हकीकत कंगाली वाली; चार दिन में फिस्स हो जाएगा पाकिस्तान

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को हवा दे दी है.

    Pakistan will collapse in four days against India
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को हवा दे दी है. जहां भारत इस हमले का जवाब देने के लिए रणनीतिक चुप्पी अपनाए हुए है, वहीं पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बयानबाज़ी कर माहौल गर्मा रहे हैं. लेकिन, सच्चाई यह है कि पाकिस्तान की जमीन पर हालात बेहद नाज़ुक हैं — और ये सिर्फ कूटनीतिक या आंतरिक नहीं, बल्कि सैन्य स्तर पर भी साफ दिख रहा है.

    एक ताज़ा खुफिया रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है. इसके अनुसार, पाकिस्तान की फौज के पास अब केवल चार दिन तक चलने लायक गोला-बारूद बचा है. इसका सीधा अर्थ यह है कि अगर भारत युद्ध की स्थिति में पूरी ताकत के साथ उतरता है, तो पाकिस्तान के पास टिकने का न तो साधन होगा और न ही सामर्थ्य.

    यूक्रेन को हथियार, खुद को नुकसान

    इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान ने हाल के महीनों में भारी मात्रा में सैन्य सामान यूक्रेन को निर्यात किया है. फरवरी से मार्च 2023 के बीच, पाकिस्तान ने लगभग 42,000 बीएम-21 रॉकेट, 60,000 हॉवित्जर शेल्स और 1.3 लाख 122 मिमी रॉकेट यूक्रेन भेजे. इस सौदे से उसे करीब 36.4 करोड़ डॉलर की कमाई हुई, जिसका एक बड़ा हिस्सा सीधे पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी को मिला.

    लेकिन इस व्यापारिक फायदे ने पाकिस्तान को भीतर से खोखला कर दिया. मौजूदा स्थिति में उसके पास न पर्याप्त हथियार हैं, न ही रणनीतिक स्थिरता, और न ही विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय समर्थन. यही कारण है कि वह एक बार फिर अपने पुराने ‘परदे के पीछे से हमला’ वाले फार्मूले पर लौटता दिख रहा है — आतंक के सहारे भारत को अस्थिर करने की साजिश.

    भारत तैयार, आत्मनिर्भर और सशक्त

    दूसरी ओर, भारत ने बीते वर्षों में न केवल अपनी सैन्य शक्ति को कई गुना बढ़ाया है, बल्कि राफेल लड़ाकू विमानों, स्वदेशी तेजस, अति आधुनिक मिसाइल सिस्टम और ड्रोन तकनीक के माध्यम से एक आत्मनिर्भर सैन्य ताकत के रूप में खुद को स्थापित किया है. भारत अब केवल जवाब देने की स्थिति में नहीं है, बल्कि जरूरत पड़ने पर निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता भी रखता है.

    पहलगाम जैसे संवेदनशील पर्यटन स्थल पर हमला पाकिस्तान की बौखलाहट और रणनीतिक दिवालियापन का संकेत है. यह भारत की आंतरिक स्थिरता को चुनौती देने की एक विफल कोशिश है, जिसे लेकर अब देश और सेना दोनों सतर्क और संगठित हैं.

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