आतंकी मोर्चो के साथ शेयर मार्केट में भी ढेर हुआ पाकिस्तान, 6 हजार अंक गिरकर हुआ क्रैश

    Pakistan Share Stock: भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का असर अब सीमाओं से परे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी साफ नजर आने लगा है. मंगलवार देर रात की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का स्टॉक मार्केट बुरी तरह हिल गया.

    Pakistan Share Stock drop down amid tention war
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    Pakistan Share Stock: भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का असर अब सीमाओं से परे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी साफ नजर आने लगा है. मंगलवार देर रात की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का स्टॉक मार्केट बुरी तरह हिल गया, जबकि भारत के बाजारों में स्थिरता और मजबूती देखने को मिली.

    कराची एक्सचेंज में हाहाकार

    भारत द्वारा पीओके और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज का KSE-100 इंडेक्स 4.62% की भारी गिरावट के साथ 6,272 अंकों तक लुढ़क गया और यह 1,07,296 पर बंद हुआ. यह गिरावट पिछले कुछ वर्षों की सबसे बड़ी मानी जा रही है. 23 अप्रैल 2025 से अब तक यह इंडेक्स करीब 9,930 अंक टूट चुका है, जो निवेशकों के बीच भय और अनिश्चितता को दर्शाता है.

    भारतीय बाजारों में बनी सकारात्मक धारणा

    वहीं भारत में इस सैन्य कार्रवाई के बाद शेयर बाजारों ने सकारात्मक संकेत दिए. बुधवार सुबह 11:30 बजे तक बीएसई सेंसेक्स 105 अंकों की बढ़त के साथ 80,746 पर और एनएसई निफ्टी 46.30 अंकों की मजबूती के साथ 24,425 पर ट्रेड कर रहा था. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि भारत की ठोस और निर्णायक प्रतिक्रिया ने निवेशकों में विश्वास पैदा किया है.

    ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की रणनीति

    रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने एक समन्वित अभियान के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया. इनमें बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट जैसे इलाके शामिल थे, जहां से भारत विरोधी गतिविधियां संचालित होती थीं.

    निवेशकों के लिए क्या है संदेश?

    भारत के लिए यह एक सैन्य सफलता ही नहीं, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी यह संदेश है कि देश अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा. वहीं पाकिस्तान के बाजारों की भारी गिरावट दर्शाती है कि आतंकवाद को संरक्षण देना आर्थिक रूप से भी कितना महंगा पड़ सकता है.

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