पाकिस्तान ने एक बार फिर से अमेरिका से अपील की है कि वह भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट न बेचे. पाकिस्तान एयरफोर्स के चीफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने इस संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी चिंता जताई. उनका कहना है कि अगर अमेरिका ने भारत को एफ-35 प्रदान किया, तो इससे दक्षिण एशिया के रणनीतिक संतुलन पर खतरनाक प्रभाव पड़ेगा.
अमेरिका से एफ-35 की बिक्री पर पाकिस्तान की चिंता
इस बात को ध्यान में रखते हुए, जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था, जहां उन्होंने यूएस एयरफोर्स के चीफ जनरल डेविड ऑल्विन और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की. सिद्धू का कहना है कि यदि भारत को एफ-35 जैसे अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर मिलते हैं, तो इसका सीधा असर क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर पड़ेगा, जो पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है. पाकिस्तान का मानना है कि एफ-35 जैसे पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स के भारत के पास होने से क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर चुनौती मिल सकती है, क्योंकि उनकी वायुसेना पाकिस्तान के मुकाबले काफी कमजोर है.
पाकिस्तान का J-35 स्टील्थ फाइटर का अधिग्रहण
यहां एक दिलचस्प पहलू यह है कि पाकिस्तान खुद अब चीन से J-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने के अंतिम चरण में है. चीन के शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन द्वारा बनाए गए इस विमान को F-35 का प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है. पाकिस्तान ने J-35A विमानों का ऑर्डर दिया है और अगले दो सालों में इसकी डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है. खास बात यह है कि पाकिस्तान को चीन इस विमान पर 50 प्रतिशत डिस्काउंट दे रहा है. पाकिस्तान का उद्देश्य 2026 तक एक पूरी स्टील्थ स्क्वाड्रन तैयार करना है.
भारत का एफ-35 खरीदने पर विचार
भारत भी अपने सुरक्षा व रणनीतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका से एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. हालांकि अभी तक भारत की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन भारतीय रक्षा मंत्री और वायुसेना प्रमुख इस संभावना को खुलकर स्वीकार कर चुके हैं. अमेरिका ने इस सिलसिले में भारत के लिए एफ-35 के कस्टमाइज्ड वर्जन का प्रस्ताव दिया है, जो भारतीय ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से एडवांस IFF सिस्टम और सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो जैसे फीचर्स से लैस होगा.
इसके अलावा, रूस भी भारत को अपनी अत्याधुनिक Su-57E फाइटर जेट का ऑफर दे रहा है, जिसमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और जॉइंट प्रोडक्शन की सुविधा शामिल है. हालांकि, इस ऑफर पर भी अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है.
पाकिस्तान को क्यों डर है एफ-35 से?
पाकिस्तान को इस बात का डर है कि अगर भारत एफ-35 खरीदता है, तो यह उसकी वायुसेना की स्थिति को और भी कमजोर कर देगा. पिछले कुछ सालों में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने एयर स्ट्राइक में बेहद प्रभावी प्रदर्शन किया है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान. भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को आसानी से नष्ट कर दिया था, जिससे पाकिस्तान की वायुसेना की कमजोरियों का खुलासा हो गया. ऐसे में एफ-35 के मिलने से भारत को एक और मजबूती मिल जाएगी, जिससे पाकिस्तान का मुकाबला करना और भी मुश्किल हो जाएगा. पाकिस्तान को चिंता है कि अगर भारत के पास एफ-35 जैसे अत्याधुनिक विमानों का बेड़ा होगा, तो भविष्य के संघर्षों में उसे आसानी से शिकस्त दी जा सकती है. इसी डर के चलते पाकिस्तान ने अमेरिका से यह अपील की है कि वह भारत को एफ-35 न बेचे, ताकि दक्षिण एशिया में शक्ति का संतुलन बनाए रखा जा सके.
भारत के पास अपनी सुरक्षा और रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कई विकल्प हैं, लेकिन पाकिस्तान के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है. अगले कुछ महीनों में भारत को इस पर फैसला लेना होगा, जब रूस और अमेरिका के शीर्ष नेता भारत दौरे पर आकर इस मुद्दे पर और चर्चा करेंगे. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत आखिरकार किस विकल्प को चुनता है, और यह क्षेत्रीय स्थिरता को कैसे प्रभावित करेगा.
यह भी पढ़ें: अमेरिकी हमले में तबाह हुई थी ईरान की सिर्फ एक न्यूक्लियर साइट, ट्रंप के दावों की खुली पोल, देखें रिपोर्ट