पाकिस्तान में राजनीतिक समीकरण एक बार फिर करवट लेते नज़र आ रहे हैं. एक ओर जहां भारत के साथ सीजफायर की स्थिति बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर इस्लामाबाद की सत्ता के गलियारों में ‘खामोश तख्तापलट’ की आहट सुनाई देने लगी है. देश के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की बढ़ती दखलअंदाजी अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है — और ये खबर शहबाज शरीफ के लिए किसी अच्छे संकेत की तरह नहीं देखी जा रही.
पीएम ऑफिस में ‘मुनीर के आदमी’ की एंट्री
पाकिस्तानी मीडिया चैनल समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी चीफ असीम मुनीर ने अपने बेहद करीबी माने जाने वाले बिलाल बिन शाकिब को प्रधानमंत्री कार्यालय में नियुक्त करवा दिया है. उन्हें क्रिप्टो और फाइनेंशियल मामलों के सलाहकार की भूमिका सौंपी गई है, और खास बात ये कि उन्हें मंत्री स्तर का दर्जा भी दिया गया है.
बिलाल बिन शाकिब कौन हैं?
बिलाल बिन शाकिब को पाकिस्तान की सेना में बेहद असरदार और मुनीर के विश्वासपात्र के रूप में देखा जाता है. जानकारी के मुताबिक, पीएम ऑफिस में उनकी नियुक्ति से पहले वे खुद असीम मुनीर से व्यक्तिगत रूप से मिले थे और बातचीत का मुख्य मुद्दा क्रिप्टोकरेंसी था. इस मुलाकात के महज 24 घंटे के भीतर ही बिलाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय में कर दी गई वो भी एक ऐसे विभाग में, जिसमें सेना प्रमुख खुद भी गहरी दिलचस्पी लेते रहे हैं.
क्यों बढ़ रही है चिंता?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाकिब की मौजूदगी अब शहबाज शरीफ के अधिकार क्षेत्र में सीधी दखल है. इससे ये साफ झलकता है कि अब मुनीर केवल ‘बैकसीट ड्राइवर’ नहीं, बल्कि सामने की सीट पर बैठकर सियासत की स्टीयरिंग थामने लगे हैं. आने वाले समय में यह स्थिति शहबाज शरीफ सरकार की स्वायत्तता को और भी कमजोर कर सकती है. नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह एक इकलौती नियुक्ति है, या मुनीर अपने और लोगों को पीएम दफ्तर में बिठाकर सरकार पर सीधा नियंत्रण स्थापित करने की तैयारी में हैं.
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