यरुशलम में एक बार फिर धार्मिक तनाव चरम पर है. अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इजरायल के मंत्री इत्मार बेन-गिविर की प्रार्थना के बाद इस्लामी दुनिया में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है. इस घटनाक्रम ने न केवल मध्य पूर्व की नाजुक स्थिति को और अधिक भड़काया है, बल्कि पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों की तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे अरब और मुस्लिम दुनिया की धार्मिक भावनाओं पर सीधा हमला बताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, पाकिस्तान हाल ही में अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली मंत्रियों की घुसपैठ और उनके साथ सैटलर समूहों की गतिविधियों की कड़ी निंदा करता है. जिस पवित्र स्थान की हिफाजत पूरी मुस्लिम उम्मा का कर्तव्य है, वहां इजरायल की पुलिस संरक्षण में इस तरह की हरकत अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवता की अंतरात्मा को ठेस पहुंचाने वाली है.
पाकिस्तान ने जताई तीखी आपत्ति, इजराइल को बताया "उकसावे की ताकत"
प्रधानमंत्री शरीफ ने इसे एक साजिशन रणनीति करार देते हुए कहा कि इजराइल जानबूझकर क्षेत्र में अशांति फैलाना चाहता है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने की साजिश नहीं बल्कि पूरे मध्य पूर्व में शांति प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश है.
"बेशर्म हरकत", "संयम का अंत" तीखे शब्दों में इजराइल पर हमला
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इजरायली कार्रवाई को "बेशर्म" बताते हुए कहा कि इस तरह की जानबूझकर की गई उकसावे की कोशिशें क्षेत्र को एक और युद्ध की ओर धकेल सकती हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया, तो स्थिति हाथ से बाहर निकल सकती है. शहबाज शरीफ ने दोहराया कि पाकिस्तान सभी संघर्षों के तत्काल समाधान, युद्धविराम और एक ठोस शांति प्रक्रिया की बहाली की मांग करता है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान अल-कुद्स अल-शरीफ को फिलिस्तीन की राजधानी के रूप में मान्यता देने और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के गठन की पुरजोर वकालत करता है.
अरब संसद ने भी जताई नाराज़गी
पाकिस्तान के साथ-साथ अरब लीग और अरब संसद ने भी इजरायली मंत्रियों की गतिविधियों की आलोचना की है. उनका कहना है कि अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, जहां यहूदियों को धार्मिक प्रार्थना करने की अनुमति नहीं है. ऐसे में वहां किसी इजरायली मंत्री का जाना अंतरधार्मिक संतुलन को बिगाड़ने वाला कदम है.
इजरायली सरकार ने दी सफाई
विवाद बढ़ता देख इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बयान आया कि पवित्र स्थलों की व्यवस्थाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. हालांकि, इजरायली मंत्री का दौरा और वहां की गई प्रार्थना को लेकर कई मुस्लिम देश आश्वस्त नहीं दिख रहे हैं.
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