इस्लामाबाद: मई में भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद पाकिस्तान की सेना और एयरफोर्स को तो भारी नुकसान हुआ ही, अब पाकिस्तान की नौसेना भी कठिन दौर से गुजर रही है. पाकिस्तान की नौसेना की पनडुब्बी शक्ति कमजोर हो गई है, और उसके जंगी जहाज डॉकयार्ड में जंग खा रहे हैं. इसका परिणाम यह हुआ है कि पाकिस्तानी नौसेना की अधिकांश नौसैनिक गतिविधियों पर असर पड़ा है, और कई सैन्य अभ्यास रद्द किए गए हैं. इसके विपरीत, भारतीय नौसेना का प्रभुत्व समुद्र में लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बदलता नजर आ रहा है.
पाकिस्तानी नौसेना के जहाजों की स्थिति
CNN-News18 द्वारा सूत्रों और समुद्री डेटा के आधार पर मिली जानकारी से यह स्पष्ट हुआ है कि पाकिस्तान की नौसेना अरब सागर में किसी भी सार्थक तैनाती के लिए तैयार नहीं है. भारतीय नौसेना ने अपनी उपस्थिति को लगातार बढ़ाया है, जिससे पाकिस्तान के समुद्र के पास गश्त और सुरक्षा की स्थिति कमजोर हो गई है. अधिकतर पाकिस्तानी युद्धपोत अब कराची के नौसैनिक बेस पर खड़े हैं, बजाय इसके कि वे समुद्र में अपनी भूमिका निभाते.
पुराने जहाज और रखरखाव की समस्या
पाकिस्तान की नौसेना की कठिनाइयों का मुख्य कारण उसके पुराने युद्धपोत हैं. 1990 के दशक में ब्रिटेन से खरीदी गई टाइप-21 फ्रिगेट्स अब खराब हालत में हैं. इनका रखरखाव महंगा है और इन्हें बार-बार मरम्मत की आवश्यकता पड़ती है. इनकी आपूर्ति में कमी आ गई है, क्योंकि इन जहाजों के निर्माता अब इन्हें बनाना बंद कर चुके हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान की नौसेना ने हाल ही में चीनी निर्मित टाइप-054ए फ्रिगेट्स को बेड़े में शामिल किया है, लेकिन ये भी तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, विशेष रूप से उनके रडार सिस्टम में. इन जहाजों को बार-बार शिपयार्ड भेजा जा रहा है, और कराची शिपयार्ड में इनका उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है.
नौसेना अधिकारियों की कमी और खराब मनोबल
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी नौसेना अकादमी से प्रशिक्षित युवा अधिकारियों को उन जहाजों पर तैनात किया जा रहा है, जो महीनों तक डॉकयार्ड में पड़े रहते हैं. इससे नौसैनिक अनुभव रखने वाले अधिकारियों की संख्या में कमी आई है, और इसकी वजह से पाकिस्तानी नौसेना की परिचालन क्षमता भी प्रभावित हुई है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी नौसेना का मनोबल भी गिरा है, और इसके परिणामस्वरूप कई सैन्य अभ्यासों को रद्द कर दिया गया है. इसमें बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास भी शामिल हैं, जिनके रद्द होने से पाकिस्तानी नौसेना की क्षेत्रीय विश्वसनीयता को भी बड़ा झटका लगा है.
भारतीय नौसेना का बढ़ता दबदबा
इसके विपरीत, भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है और समुद्र में अपनी गश्त का दायरा भी बढ़ा रही है. भारत अपने प्रमुख सहयोगियों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है और यह स्थिति पाकिस्तान के लिए चुनौती बन रही है. भारतीय नौसेना का यह बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को पूरी तरह से प्रभावित कर रहा है, जिससे पाकिस्तान की नौसेना की ताकत और प्रभाव घटता नजर आ रहा है.
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