पाकिस्तान में अचानक आई बाढ़ तो छटपटाने लगी पाक मीडिया, भारत पर फोड़ रही ठीकरा; जानिए क्यों है बेचैन

    भारत पर आरोप लगाया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों को खबर दिए बिना अचानक झेलम नदी में पानी छोड़ दिया.

    Pakistan flood media blaming India
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    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी नरसंहार के बाद भारत ने अब हर मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने का संकल्प ले लिया है. जहां एक तरफ भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर फौलादी जवाब दे रही है, वहीं दूसरी तरफ भारत ने 'जल नीति' के तहत भी जबरदस्त वार किया है. रिपोर्ट में भारत पर आरोप लगाया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों को खबर दिए बिना अचानक झेलम नदी में पानी छोड़ दिया.

    पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, बिना किसी चेतावनी के झेलम का पानी छोड़े जाने के चलते मुजफ्फराबाद में आपातकाल घोषित करना पड़ा है. हट्टियन बाला इलाके में जल स्तर तेजी से बढ़ने के बाद मस्जिदों से ऐलान कर लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए. पानी की धार उत्तर कश्मीर के बारामुल्ला से निकलकर चकोठी इलाके से PoK में घुसी और पूरे इलाके में दहशत फैला दी.

    भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर बदला खेल

    भारत सरकार ने पिछले सप्ताह औपचारिक अधिसूचना जारी कर सिंधु जल संधि को निलंबित करने का एलान कर दिया था. इस फैसले की सूचना भी पाकिस्तान को सौंपी जा चुकी थी. अब भारत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के प्रवाह पर पाकिस्तान की रजामंदी के बिना भी अपने हिसाब से कदम उठा सकता है — यानी अब न बांधों पर रोक है और न ही पानी रोकने-छोड़ने पर किसी मंजूरी की जरूरत.

    जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार प्रायोजित आतंकवाद ने भारत को संधि के प्रावधानों के पालन से रोका है. अब भारत अपनी हिफाजत और हितों के मुताबिक निर्णय लेगा.

    पाकिस्तान की बौखलाहट: पानी को बताया 'युद्ध की कार्रवाई'

    पाकिस्तान ने भारत के इस कदम पर तिलमिलाते हुए इसे 'युद्ध की कार्रवाई' करार दिया है. इस संधि पर 1960 में नौ साल की कड़ी बातचीत के बाद दस्तखत हुए थे, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच जल विवाद को खत्म करना था. परंतु अब बदलते हालात में भारत ने साफ कर दिया है कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद नहीं रोकेगा, तो उसके अस्तित्व की धमनियों में बहने वाला पानी भी उसके काबू में नहीं रहेगा.

    पाकिस्तान की खेती पर पड़ेगा सीधा असर

    विशेषज्ञों की मानें तो सिंधु जल संधि के स्थगन का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर पड़ेगा. सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी से सिंचित हजारों एकड़ भूमि अब असुरक्षित हो जाएगी. जल डेटा का साझा न होना और फसल मौसमों के दौरान प्रवाह में बाधा पड़ना पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है. भारत के इस जल प्रहार से पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ भी चरमरा सकती है, और यह दबाव उसे आतंकवाद के रास्ते से पीछे हटने पर मजबूर कर सकता है.

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