पाकिस्तान की माली हालत फिर से ICU में, 2025-26 में चुकाने होंगे 23 अरब डॉलर; जानिए ताजा अपडेट

    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बार फिर उस मोड़ पर आ खड़ी हुई है, जहां कर्ज की लाठी के बिना आगे बढ़ पाना नामुमकिन है.

    Pakistan financial condition is in ICU latest update
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बार फिर उस मोड़ पर आ खड़ी हुई है, जहां कर्ज की लाठी के बिना आगे बढ़ पाना नामुमकिन है. कागज़ पर बजट बनाया गया है, योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन हकीकत ये है कि इस्लामाबाद को अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 23 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का विदेशी कर्ज चुकाना है.

    भारत-पाकिस्तान की बजट टाइमलाइन अलग, मगर दर्द एक जैसा

    जहां भारत 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू करता है, पाकिस्तान में ये चक्र 1 जुलाई से शुरू होता है. लेकिन दोनों देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक जैसी है—कर्ज का पहाड़ और उसे चुकाने की जद्दोजहद. फर्क बस इतना है कि पाकिस्तान की रीढ़ अब इतनी कमज़ोर हो चुकी है कि हर साल कर्ज चुकाने के लिए उसे फिर नया कर्ज लेना पड़ता है.

    कर्ज का जंगल: विदेशी कर्ज 87 अरब डॉलर के पार

    पाकिस्तान की हालिया आर्थिक समीक्षा 2024-25 के मुताबिक, मार्च 2025 तक देश पर कुल कर्ज 76,010 अरब रुपये था. इसमें से करीब 51,520 अरब रुपये घरेलू कर्ज था, जबकि 24,490 अरब रुपये यानी करीब 87.4 अरब डॉलर का कर्ज विदेशी स्रोतों से लिया गया था.

    इस विदेशी कर्ज में दो बड़े हिस्से हैं—सरकारी स्तर पर लिया गया कर्ज और IMF से मिली धनराशि. यही दो हिस्से पाकिस्तान की गर्दन पर तलवार की तरह लटक रहे हैं.

    12 अरब डॉलर की 'उधारी मोहब्बत'

    अब ज़रा पाकिस्तान की उधारी रिश्तेदारी भी जान लीजिए. 23 अरब डॉलर में से करीब 12 अरब डॉलर तो ऐसे हैं जो कुछ देशों ने पाकिस्तान में ‘अस्थायी जमा’ के रूप में रखे हैं. ये देश हैं:

    • सऊदी अरब: 5 अरब डॉलर
    • चीन: 4 अरब डॉलर
    • UAE: 2 अरब डॉलर
    • कतर: 1 अरब डॉलर

    सरकार को उम्मीद है कि ये 'मित्र देश' इस रकम की वापसी की तारीख को आगे बढ़ा देंगे. लेकिन ये उम्मीद किसी इम्तिहान से कम नहीं, क्योंकि भू-राजनीति में दोस्ती भी ब्याज के साथ आती है.

    बाकी 11 अरब डॉलर कहां से आएंगे?

    बाकी के 11 अरब डॉलर का भुगतान पाकिस्तान को बहुपक्षीय और द्विपक्षीय ऋणदाताओं, अंतरराष्ट्रीय बॉन्डहोल्डर्स और वाणिज्यिक बैंकों को करना है. ये ऐसे संस्थान हैं जिनसे ना तो उधारी मोहब्बत चलती है और ना ही तारीख आगे बढ़ती है. इन्हें समय पर भुगतान करना जरूरी है, वरना क्रेडिट रेटिंग और डॉलर की आमद पर ताला लग सकता है.

    आधा बजट सिर्फ कर्ज चुकाने में खप गया

    पाकिस्तान सरकार ने 2025-26 के बजट में कर्ज चुकाने के लिए 8200 अरब रुपये अलग से रखे हैं. ये रकम कुल संघीय बजट 17,573 अरब रुपये का करीब 47% है. मतलब, आधा बजट सिर्फ इस बात पर खर्च हो रहा है कि पहले लिया गया कर्ज चुकाया जाए. ये वो हालत है जब एक परिवार की आधी कमाई सिर्फ पुराने कर्ज के ब्याज और किश्तों में निकल जाए.

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