कुटाई के बाद नीचता पर उतरा पाकिस्तान! भारतीय उच्चायोग में बंद की ये सुविधाएं, जानें क्या है पूरा मामला

    Indian Diplomats in Islamabad: भारत द्वारा हाल ही में किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता और सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव एक बार फिर सतह पर आ गया है.

    Pakistan facilities were shut down in the Indian High Commission know more
    Image Source: ANI/ File

    Indian Diplomats in Islamabad: भारत द्वारा हाल ही में किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता और सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव एक बार फिर सतह पर आ गया है. विश्व मंच पर पहले से आलोचना झेल रहे पाकिस्तान ने अब इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाना शुरू कर दिया है.

    सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने उच्चायोग में तैनात भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों की दैनिक जीवन से जुड़ी बुनियादी आवश्यकताओं,  जैसे गैस, पानी और समाचारपत्रों की आपूर्ति को रोकने की साजिश रची है. इस प्रकार की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशन्स, 1961 का गंभीर उल्लंघन माना जा रहा है.

    गैस और एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति बंद

    भारतीय उच्चायोग को गैस सप्लाई करने वाली स्थानीय कंपनी सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन्स लिमिटेड (SNGPL) ने अचानक बिना किसी सूचना के पाइपलाइन सप्लाई रोक दी है. इतना ही नहीं, स्थानीय एलपीजी विक्रेताओं को भी चेतावनी दी गई है कि वे भारतीय अधिकारियों को सिलेंडर न बेचें. परिणामस्वरूप, राजनयिकों के परिवारों को बाज़ार से अत्यधिक दामों पर गैस की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

    पानी की डिलीवरी पर भी रोक

    रिपोर्ट के अनुसार, साफ और पीने योग्य पानी की डिलीवरी करने वाले निजी वेंडरों को भी धमकी दी गई है कि वे भारतीय उच्चायोग को मिनरल वाटर की आपूर्ति बंद करें. इस्लामाबाद में जल गुणवत्ता को लेकर पहले से ही चिंता बनी हुई है, और ऐसे में यह कदम स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत चिंताजनक है.

    प्रेस तक पहुंच भी बंद

    पाकिस्तानी अधिकारियों ने स्थानीय समाचार पत्र वितरकों को भी निर्देश दिया है कि वे भारतीय उच्चायोग तक अखबारों की आपूर्ति न करें. इससे भारतीय राजनयिकों को स्थानीय घटनाक्रमों और समाचारों से अवगत रहना मुश्किल हो गया है, जो कि किसी भी देश के राजनयिक मिशन की कार्यक्षमता के लिए आवश्यक है.

    वियना कन्वेंशन का उल्लंघन?

    विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की ये कार्रवाइयाँ वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 25 और 26 का स्पष्ट उल्लंघन करती हैं, जिसमें दूतावासों को निर्बाध संचालन और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की गारंटी दी गई है. हालांकि भारत और पाकिस्तान, दोनों की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन यह मामला आने वाले दिनों में द्विपक्षीय संबंधों को और जटिल बना सकता है.

    यह भी पढ़ें- आधी रात में अचानक वॉशिंगटन के सड़कों पर उतरी फौज, जानें ट्रंप के इस फैसले की पीछे की वजह