BRICS में शामिल होने के लिए बेचैन पाकिस्तान, रूस और चीन से लगा रहा गुहार, क्या मान जाएगा भारत?

    पाकिस्तान ने फिर से जोर देकर कहा है कि वह BRICS समूह का हिस्सा बनने का इच्छुक है.

    Pakistan desperate to join BRICS Will India agree
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान ने फिर से जोर देकर कहा है कि वह BRICS समूह का हिस्सा बनने का इच्छुक है. वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने हाल ही में मीडिया इंटरव्यू में इस बात को दोहराया कि पाकिस्तान इस अंतर-सरकारी संगठन के भीतर एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश की आर्थिक प्राथमिकताओं, निवेश अवसरों और वैश्विक साझेदारियों के विकास के दृष्टिकोण को BRICS के मंच पर बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता है.

    मंगलवार को जारी इंटरव्यू में औरंगजेब ने अजरबैजान की प्रमुख समाचार एजेंसी REPORT और रूस की प्रमुख समाचार एजेंसी RIA नोवोस्ती से बात की. उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों, निवेश पर नजर और क्षेत्रीय-वैश्विक साझेदारियों के महत्व पर भी चर्चा की.

    BRICS क्या है?

    BRICS एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. इस समूह का मुख्य उद्देश्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका मजबूत करना है.

    हाल ही में BRICS का विस्तार किया गया है, और इसमें मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया जैसे देश शामिल किए गए हैं. इसे अक्सर 'BRICS ' कहा जाता है. यह समूह व्यापार, निवेश, तकनीकी सहयोग और वैश्विक शासन जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है और विश्व अर्थव्यवस्था में इन देशों की सामूहिक शक्ति को मजबूत करता है.

    पाकिस्तान का BRICS में शामिल होने का प्रयास

    पाकिस्तान लंबे समय से BRICS की सदस्यता पाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन अब तक उसे इस समूह में जगह नहीं मिली है. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को सदस्यता के लिए सभी मौजूदा सदस्यों की सहमति लेनी होगी, जिसमें भारत भी शामिल है.

    भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और सामरिक तनाव को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के आवेदन का विरोध कर सकता है. यही कारण है कि पाकिस्तान के लिए BRICS में शामिल होना आसान नहीं होगा.

    RIA नोवोस्ती के साथ अपने इंटरव्यू में वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान पहले से ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का सक्रिय सदस्य है और BRICS ढांचे में भी यह देश रचनात्मक योगदान दे सकता है. उन्होंने वैश्विक स्तर पर वैकल्पिक सीमा-पार भुगतान प्रणाली पर चल रही चर्चाओं का उल्लेख किया और कहा कि BRICS से जुड़ने पर पाकिस्तान ऐसे आर्थिक तंत्रों का अनुभव और लाभ ले सकेगा.

    पाकिस्तान में निवेश और आर्थिक नीतियाँ

    इस दौरान वित्त मंत्री ने निवेश के माहौल पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता मैकроइकॉनॉमिक स्थिरता सुनिश्चित करना है. उनका कहना था कि निवेशक तभी भरोसा करते हैं जब मुद्रा स्थिर हो, मुनाफे की वापसी सुनिश्चित हो और आर्थिक नीतियों में स्थिरता दिखाई दे.

    मुहम्मद औरंगजेब ने बताया कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार धीरे-धीरे सुधर रहा है और यह अब लगभग तीन महीने के आयात को कवर करने की स्थिति में है. उन्होंने इसे निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए आवश्यक "बुनियादी आर्थिक स्वच्छता" बताया.

    पाकिस्तान का BRICS में शामिल होने का प्रयास भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है. भारत के लिए यह तय करना होगा कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन करता है या विरोध करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के विरोध की संभावना अधिक है क्योंकि BRICS में पाकिस्तान की सदस्यता क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक संतुलन पर प्रभाव डाल सकती है.

    ये भी पढ़ें- लिव-इन रिलेशनशिप अवैध नहीं, सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी... इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला