इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला बोला है. इस बार मंच था हॉन्गकॉन्ग में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय समिट, जहां पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने दावा किया कि कुछ ताकतें चुनावी लाभ के लिए क्षेत्रीय शांति को दांव पर लगाने से भी पीछे नहीं हट रहीं.
डार ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत को निशाने पर लेते हुए कहा, "हमारे पूर्वी पड़ोसी की उकसावे वाली गतिविधियां न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों का भी खुला उल्लंघन हैं. सिंधु जल संधि को निलंबित कर और मानवाधिकारों की अनदेखी कर एक खतरनाक मिसाल पेश की जा रही है."
पानी पर कोई समझौता नहीं- पाक सेना प्रमुख
इसी बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने भी भारत के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सिंधु जल विवाद पाकिस्तान की “रेड लाइन” है और इस पर कोई समझौता संभव नहीं.
एक शैक्षणिक सम्मेलन में बोलते हुए मुनीर ने भारत पर बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकियों को समर्थन देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “जो लोग बलूचिस्तान में अशांति फैला रहे हैं, उनके तार भारत से जुड़े हैं. हम भारत के वर्चस्व को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.”
बातचीत का प्रस्ताव लेकिन तीखा हमला भी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों चार देशों के दौरे पर हैं. तुर्किये, ईरान और अजरबैजान के बाद गुरुवार को वे ताजिकिस्तान पहुंचे, जहां उन्होंने ग्लेशियर संरक्षण पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लिया.
हालांकि विदेश नीति के स्तर पर नरम लहजा दिखाते हुए शरीफ ने भारत के साथ बातचीत की इच्छा जताई. उन्होंने कहा, "हम कश्मीर, पानी और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर समाधान चाहते हैं." लेकिन इसी बयान के अगले दिन उन्होंने एक और तीखा दावा किया.
हमारी सेना तैयार होने से पहले हमला हो गया
अजरबैजान में एक कार्यक्रम के दौरान शरीफ ने कहा कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलें दाग दीं. उनका दावा था कि पाकिस्तान की सेना हमले की तैयारी में थी, लेकिन भारत ने पहले ही हमला कर दिया.
शरीफ ने बताया कि रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस भी भारत के निशाने पर था, जो पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित है. यहां कई रणनीतिक सैन्य विमान मौजूद थे.
मीडिया रिपोर्ट्स और सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, भारत ने उस दिन कम से कम छह प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस- रफीकी, मुरीद, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन और नूर खान पर ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं. बताया गया कि इन हमलों में दो सैन्य विमानों को नुकसान पहुंचा.
डिप्लोमेसी और दुश्मनी का दोहरा चेहरा
जहां एक तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, वहीं सेना और विदेश मंत्रालय का आक्रामक रुख जारी है. इस विरोधाभासी कूटनीति ने दक्षिण एशिया में शांति की संभावनाओं को और जटिल बना दिया है.
भारत की ओर से अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पाकिस्तान की इस ताज़ा रणनीति को चुनावी मौसम में भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
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