मलेशिया में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां 80 विदेशी नागरिकों को भीख मांगते हुए गिरफ्तार किया गया. इन सभी को मलेशियाई पुलिस ने छापेमारी के दौरान पकड़ा, और ये सभी कथित तौर पर स्टूडेंट वीजा पर मलेशिया आए थे, लेकिन कहीं भी पढ़ाई नहीं कर रहे थे. इनमें से 77 लोग पाकिस्तान के थे और 3 बांग्लादेशी मूल के थे.
मलेशिया पुलिस को चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ नौजवानों ने भीख मांगने का धंधा अपना लिया है. इन लोगों के बारे में यह भी शिकायत थी कि वे भीख न मिलने पर आपस में झगड़ा करने पर भी उतारू हो जाते थे. इन शिकायतों के बाद मलेशिया पुलिस ने तेज़ी से छापेमारी की और इन 80 लोगों को गिरफ्तार किया.
विदेशी छात्रों की झूठी पहचान
चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद कुछ पकड़े गए लड़कों ने दावा किया कि वे मलेशिया में पढ़ाई करने आए थे और उनके पास वैध स्टूडेंट वीजा भी थे. लेकिन जब मलेशियाई पुलिस ने इनकी जांच की, तो यह खुलासा हुआ कि यह लोग स्टूडेंट वीजा पर तो आए थे, लेकिन किसी भी कॉलेज में दाखिला नहीं लिया था. इसके बजाय, ये लोग सिर्फ भीख मांगने का काम कर रहे थे.
देश वापस भेजे जाएंगे गिरफ्तार लोग
मलेशिया पुलिस ने आधिकारिक तौर पर जानकारी दी कि गिरफ्तार किए गए 80 लोगों में से 77 लोग पाकिस्तान के हैं, जबकि 3 बांग्लादेशी मूल के हैं. अब इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और जल्द ही इन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा.
मध्य-पूर्व देशों में भी इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं
यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान से आए लोग किसी विदेशी देश में भीख मांगने का काम कर रहे हैं. इससे पहले खाड़ी देशों में भी पाकिस्तान से आए लोगों के इस तरह के मामलों का खुलासा हुआ था. खासकर सऊदी अरब में पाकिस्तान से आने वाले लोग धार्मिक वीजा पर जाते थे और फिर भीख मांगने का काम करने लगते थे. इन मामलों को लेकर सऊदी अरब ने पाकिस्तान सरकार से कई बार शिकायत की थी और पाकिस्तानियों को वीजा देने के संबंध में कड़े नियम लागू कर दिए थे.
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