पाकिस्तान में एक बार फिर नौकरशाही की नीयत पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. इस बार आरोप किसी पत्रकार या विपक्षी नेता ने नहीं, बल्कि खुद देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने लगाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक चौंकाने वाला दावा किया है, जिसने सरकारी तंत्र की साख को झकझोर कर रख दिया है.
ख्वाजा आसिफ ने अपने पोस्ट में बताया कि पाकिस्तान की सिविल सेवा के बड़े पदों पर बैठे अफसरों ने अपने कार्यकाल के दौरान बेतहाशा दौलत जमा की और अब वे इस दौलत को विदेशी ज़मीनों में बदल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दर्जनों नहीं, बल्कि आधे से ज़्यादा शीर्ष नौकरशाहों ने पुर्तगाल में संपत्तियाँ खरीदी हैं. यह कोई अमेरिका या ब्रिटेन जैसा बड़ा देश नहीं, बल्कि एक छोटा-सा यूरोपीय राष्ट्र है, जो अब पाकिस्तानी अफसरों की ‘रिटायरमेंट स्वर्ग’ बनता जा रहा है.
नागरिकता भी ले ली, अब विदेश में बसर होगी ज़िंदगी
आसिफ ने दावा किया कि ज़मीनें खरीदने के बाद ये अफसर वहां की नागरिकता के लिए भी आवेदन कर चुके हैं और कईयों को तो पुर्तगाल की नागरिकता मिल भी चुकी है. यह ट्रेंड कोई नया नहीं है. पाकिस्तान सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2016 से 2024 के बीच करीब 3,000 पाकिस्तानियों ने पुर्तगाल की नागरिकता हासिल की है. इनमें बड़ी संख्या उन अफसरों की है, जो कभी सरकार में ऊँचे पदों पर तैनात थे.
भ्रष्टाचार से कमाई अरबों की रकम
ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि इन अफसरों ने अपने कार्यकाल में अरबों रुपये की हेराफेरी की और अब जब रिटायर होने का वक्त आया, तो विदेश में शांति से जीवन बिताने की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के बेहद करीबी एक अधिकारी ने सिर्फ अपनी बेटियों की शादी में ‘सलामी’ के नाम पर करीब 4 अरब रुपये इकट्ठे कर लिए. अब वह व्यक्ति पुर्तगाल में सुकून की ज़िंदगी बिता रहा है.
नेताओं को झूठन, अफसरों को संपत्ति आसिफ का कटाक्ष
रक्षा मंत्री ने नेताओं की तुलना अफसरों से करते हुए तंज कसते हुए कहा, “राजनेताओं को तो झूठन नसीब होती है. उनके पास न विदेशों में घर होते हैं, न विदेशी पासपोर्ट, क्योंकि उन्हें चुनाव भी लड़ना होता है. अफसरों की तरह उन्हें आज़ादी नहीं है.”
सवालों के घेरे में पाकिस्तान की अफसरशाही
ख्वाजा आसिफ के इस खुलासे ने न केवल पाकिस्तान की नौकरशाही की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार करके लोग विदेशों में सुरक्षित और आलीशान जीवन के लिए ज़मीन तैयार कर लेते हैं. यह मामला अब पाकिस्तान की संसद से लेकर मीडिया में गर्माया हुआ है और लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या इन अफसरों पर कोई कार्रवाई होगी या ये यूँ ही बच निकलेंगे.
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