पाकिस्तान और तुर्की के बीच सैन्य सहयोग को और मज़बूती देने के इरादे से दोनों देशों की प्रमुख रक्षा कंपनियों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. पाकिस्तान की सरकारी रक्षा कंपनी GIDS और तुर्की की प्रमुख रक्षा निर्माता MKE ने 24 जुलाई को एक साझा सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता हवाई हथियारों और ड्रोन तकनीक को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है.
यह रणनीतिक समझौता इस्तांबुल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय रक्षा उद्योग मेले (IDEF) के दौरान हुआ, जहां दुनिया भर की बड़ी रक्षा कंपनियां अपनी आधुनिक तकनीकों के साथ मौजूद थीं. अधिकारियों ने इस सहयोग को स्वदेशी रक्षा उत्पादन को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है. गौरतलब है कि यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण हालात देखे गए थे, जिसमें पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था.
हवाई हथियारों और मिसाइल तकनीक पर साझा काम
समझौते के तहत दोनों देशों की कंपनियां सटीक निर्देशित बम, हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलें और उन्नत रॉकेट तकनीकों के संयुक्त विकास और तकनीकी हस्तांतरण पर सहयोग करेंगी. पाकिस्तान की यह साझेदारी न केवल उसकी गोला-बारूद उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि रक्षा क्षेत्र में नवाचार और निर्यात के नए रास्ते भी खोलेगी.
MKE की वैश्विक मौजूदगी, पाकिस्तान की बढ़ती निर्भरता
तुर्की की सरकारी कंपनी MKE (Makine ve Kimya Endüstrisi Kurumu) फिलहाल 40 से अधिक देशों को हथियार निर्यात करती है. वर्ष 2024 में कंपनी ने 63.9 करोड़ डॉलर का रक्षा निर्यात किया था और यह विश्व की टॉप 100 रक्षा कंपनियों में भी शामिल रही है. पाकिस्तान, MKE का प्रमुख साझेदार बन चुका है और उसकी वायुसेना में तुर्की के ड्रोन और नाटो-मानक MK सीरीज़ बम सक्रिय रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं.
साझेदारी से रक्षा उत्पादन को नई दिशा
पाकिस्तान की कंपनी GIDS के साथ यह करार, दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग को और गहराई देगा. यह समझौता न केवल सैन्य तैयारियों को बेहतर बनाएगा, बल्कि पाकिस्तान की घरेलू रक्षा इंडस्ट्री को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाला कदम भी साबित हो सकता है.
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