गाज़ा में लगातार बिगड़ती मानवीय स्थिति को देखते हुए इज़रायल ने रविवार से कुछ क्षेत्रों में आंशिक रूप से सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया है. इज़रायली सेना ने कहा है कि वह मुवासी, दीर अल-बलाह और गाज़ा सिटी में हर दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक सैन्य अभियान स्थगित रखेगी, ताकि मानवीय सहायता का वितरण किया जा सके.
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह निर्णय स्थानीय आबादी तक राहत सामग्री पहुंचाने वाली एजेंसियों की सहायता के उद्देश्य से लिया गया है. इसके तहत सुरक्षित रास्तों की पहचान भी की गई है, जिनके ज़रिए भोजन, दवाएं और अन्य जरूरी सामान लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा.
भुखमरी की चपेट में गाज़ा, हालात बेहद गंभीर
गाज़ा में हालात दिनों-दिन भयावह होते जा रहे हैं. भुखमरी से हो रही मौतों की संख्या में इज़ाफा हुआ है और हालात अकाल जैसे बन चुके हैं. मार्च महीने में क्रॉसिंग बिंदुओं को बंद किए जाने के बाद से गाज़ा में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह बाधित हुई है. पिछले कुछ हफ्तों में राहत सामग्री पाने की कोशिश में कई फिलिस्तीनी नागरिक गोलीबारी और अफरा-तफरी का शिकार हुए हैं. शनिवार को उत्तरी गाज़ा में एक बार फिर हवाई मार्ग से राहत सामग्री गिराने का अभियान शुरू किया गया.
मैक्रों-सिसी बातचीत: युद्धविराम पर मंथन
इस बीच, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच शनिवार को फोन पर बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने गाज़ा पट्टी में युद्धविराम को लेकर चल रहे मध्यस्थता प्रयासों पर चर्चा की और स्थायी समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया. मैक्रों द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के आगामी सत्र में फिलिस्तीन को आधिकारिक मान्यता देने की घोषणा का मिस्र ने स्वागत किया है. सिसी ने कहा कि यह कदम दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को समर्थन देना चाहिए.
अंतर्राष्ट्रीय दबाव और मानवीय ज़िम्मेदारी
गाज़ा में लगातार बिगड़ते हालात ने न सिर्फ पड़ोसी देशों को, बल्कि वैश्विक नेताओं को भी सक्रिय कर दिया है. राहत सामग्री की आपूर्ति और युद्धविराम के प्रयासों को अब अधिक व्यावहारिक और समन्वित रूप देने की ज़रूरत है, ताकि गाज़ा के लोगों को राहत मिल सके.
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