फिर पिटने को तैयार पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर में मार खाने के बाद PAK बौखलाया, अब कश्मीर पर अलापा नया राग

    India Pakistan Conflict: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत से करारी शिकस्त खाने के बाद पाकिस्तान की रणनीतिक दिशा तेजी से बदलती नजर आ रही है. बार-बार द्विपक्षीय बातचीत का ढिंढोरा पीटने वाला इस्लामाबाद अब खुद ही अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की भीख मांग रहा है.

    Pakistan After getting defeated in Operation Sindoor PAK is furious now Kashmir
    Image Source: ANI/ File

    India Pakistan Conflict: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत से करारी शिकस्त खाने के बाद पाकिस्तान की रणनीतिक दिशा तेजी से बदलती नजर आ रही है. बार-बार द्विपक्षीय बातचीत का ढिंढोरा पीटने वाला इस्लामाबाद अब खुद ही अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की भीख मांग रहा है. ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान ने खुलकर अमेरिका और अन्य देशों से कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है.

    पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका या किसी भी ऐसे देश की भूमिका का पाकिस्तान स्वागत करता है, जो क्षेत्र में स्थिरता और शांति की दिशा में मदद कर सके.

     "तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं"

    पाकिस्तान की इस बयानबाज़ी के बीच भारत का रुख पूरी तरह स्पष्ट और अडिग बना हुआ है. नई दिल्ली ने एक बार फिर दोहराया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती. भारत हमेशा 1972 के शिमला समझौते का हवाला देता रहा है, जिसमें यह तय किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे केवल द्विपक्षीय बातचीत के ज़रिए ही सुलझाए जाएंगे.

    पाकिस्तान के पास नहीं है बातचीत का आधार

    भारत यह भी साफ कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहन देना बंद नहीं करता, तब तक कोई भी रचनात्मक संवाद संभव नहीं है. भारत का यह भी कहना है कि बातचीत का दायरा केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और आतंकवाद से संबंधित मुद्दों तक सीमित रहेगा.

    "बातचीत नहीं हुई", 

    जब पाक प्रवक्ता शफकत अली खान से पूछा गया कि हाल ही में भारत के साथ कोई बातचीत हुई है या नहीं, तो उन्होंने माना कि "ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है." उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान अमेरिका की भूमिका को लेकर सकारात्मक है, लेकिन आगे की दिशा अब भारत को तय करनी है.

    यूक्रेन संघर्ष पर भी दी सफाई

    प्रवक्ता से जब यूक्रेन युद्ध को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल किया गया, तो उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के उस बयान को खारिज किया जिसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तानी नागरिक रूस की तरफ से युद्ध में शामिल हो रहे हैं. खान ने इसे "बिल्कुल निराधार" बताया.

    क्या पाकिस्तान की विदेश नीति में आ रही है उलझन?

    इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि पाकिस्तान की विदेश नीति अब द्वंद्व में फंसी हुई है. एक ओर वह भारत से बातचीत की पेशकश करता है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए गुहार लगाता है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान को अब अहसास हो रहा है कि भारत की सैन्य और कूटनीतिक स्थिति इतनी मज़बूत हो चुकी है कि अकेले दम पर इस्लामाबाद से निपट सकती है, और यही बौखलाहट उसे अमेरिका और अन्य शक्तियों की तरफ खींच रही है.

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