पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा के मोर्चे पर बड़ा कदम उठाया था. हमले के बाद बुलाई गई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख फैसला भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस फैसले के तहत सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस आदेश के बाद सभी राज्यों को निर्देश भेजे गए हैं कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाक नागरिकों की पहचान कर उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू करें.
यूपी में कार्रवाई तेज
उत्तर प्रदेश में इस निर्देश पर तेज़ी से अमल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गुरुवार देर रात उनके आवास पर गृह विभाग की एक अहम बैठक हुई. बैठक में यह तय किया गया कि राज्य के सभी जिलों में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की जाएगी, चाहे वे शॉर्ट टर्म वीजा पर आए हों या लॉन्ग टर्म वीजा पर.
1500 पाकिस्तानियों की हुई पहचान
अब तक प्रदेश भर में करीब 1500 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान हो चुकी है. मेरठ, सहारनपुर और आगरा जैसे जिलों में इन नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इतने पाकिस्तानियों को भेजा वापस
जानकारी के मुताबिक, यूपी से अब तक 32 पाकिस्तानियों को डिपोर्ट किया गया है. आगरा में विजिटर वीजा पर आए 9 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई. इनमें से दो को पहले ही वापस भेजा जा चुका है और बाकी सात को भी जल्द पाकिस्तान रवाना किया जाएगा. इसके अलावा, 43 पाकिस्तानी नागरिक ऐसे हैं जो लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रहे हैं. प्रशासन ने इन सभी को चिह्नित कर लिया है. सहारनपुर में विजिटर वीजा पर कुल 18 पाकिस्तानी नागरिक आए थे. इनमें से 12 नागरिकों ने गुरुवार को अटारी बॉर्डर से वापस भेज दिया गया. बरेली से एक और बुलंदशहर से 5 पाकिस्तानियों को उनके देश डिपोर्ट कर दिया गया.
फिलहाल पाकिस्तानी मुस्लिमों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि अभी इस बात पर स्पष्टता नहीं है कि पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों को वापस भेजा जाएगा या नहीं. फिलहाल, सिर्फ पाकिस्तानी मुस्लिम नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई है. सभी जिलों के एसपी और पुलिस कमिश्नरों को इस बाबत सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
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