जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में मारे गए 26 निर्दोष नागरिकों के लिए अब आवाज़ें तेज़ हो रही हैं कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. इस क्रम में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोतिहारी (बिहार) की एक जनसभा में बड़ा बयान दिया. उन्होंने केंद्र सरकार से स्पष्ट मांग की कि इन सभी मृतकों को ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाए और पाकिस्तान को उसके कायरतापूर्ण कृत्य का मुंहतोड़ जवाब मिले.
"पीड़ित परिवारों का दर्द समझें, उन्हें सम्मान दें" — ओवैसी
ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी से सीधे तौर पर अपील की कि जिन परिवारों ने अपने सगे-संबंधियों को खोया है, उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाए. उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. सरकार को उन परिवारों के दर्द को समझना चाहिए जो इस त्रासदी से टूट गए हैं.”
"पाकिस्तान को सिर्फ़ चेतावनी नहीं, सबक मिलना चाहिए"
अपने तीखे बयान में ओवैसी ने पाकिस्तान को ‘विफल राष्ट्र’ करार दिया और मांग की कि भारत को इस आतंकी राष्ट्र के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘भारत को आतंकवाद फैलाने के लिए विफल राष्ट्र पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि हमारे प्रधानमंत्री कुछ ऐसा करेंगे, जिससे पाकिस्तान भारत में आकर निर्दोष लोगों की हत्या करने से पहले सौ बार सोचेगा.’’
हिमांशी नरवाल के बयान का भी ज़िक्र
ओवैसी ने इस मौके पर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल के उस बयान का भी ज़िक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कश्मीरियों या मुसलमानों के खिलाफ कोई नफरत नहीं चाहतीं, बल्कि न्याय और शांति की पक्षधर हैं. ओवैसी ने कहा, “हिमांशी नरवाल की भावना उन लोगों के लिए एक सबक है जो हर बार हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाने लगते हैं. उन्होंने अपने पति को खोया, लेकिन इंसानियत को नहीं छोड़ा.”
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