Operation Sindoor: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए न सिर्फ़ 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब भारत रोकथाम नहीं, कार्रवाई की नीति पर चल रहा है. यह सिर्फ एक सैन्य हमला नहीं था, बल्कि पाकिस्तान को दिया गया एक रणनीतिक झटका था — कि सीमा पार छिपे आतंकी अब सुरक्षित नहीं रहेंगे.
जनरल असीम मुनीर की रहस्यमयी चुप्पी
हमले के बाद जो सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की खामोशी. जो कुछ हफ्ते पहले तक भारत को युद्ध की भाषा में धमका रहे थे, वह अब नदारद हैं — न प्रेस कॉन्फ्रेंस, न बयान, न सार्वजनिक उपस्थिति. उनकी यह चुप्पी डर नहीं, बल्कि रणनीतिक विफलता की स्वीकारोक्ति मानी जा रही है.
स्ट्रैटजिक एसेट्स' की नीति हुई नाकाम
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकियों को अपनी रणनीतिक गहराई मानकर पालता आया है, पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने इस नीति को ही पलट कर रख दिया. भारत ने यह संदेश दे दिया है कि अब सीमाओं से परे जाकर भी जवाबी कार्रवाई होगी. इससे इस्लामाबाद की विदेश नीति और रावलपिंडी की सैन्य साख दोनों को करारा झटका लगा है.
वायरल हो रही हैं तबाही की तस्वीरें
सोशल मीडिया पर पाक अधिकृत कश्मीर में तबाही के वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं. टूटे हुए घर, मलबे में बदली मस्जिदें और उड़ती धूल— ये सब पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं. वहीं आम लोग सवाल पूछ रहे हैं — “मुनीर साहब कहां हैं अब?”
भीतर से भी टूट रही है पाक सेना
बलूचिस्तान, सिंध और खैबर जैसे क्षेत्रों में पाक सेना के खिलाफ विरोध तेज हो गया है. कई जगहों पर विद्रोही हमले हो रहे हैं और सैनिकों के हताहत होने की खबरें लगातार आ रही हैं. आतंकी संगठनों से करीबी रखने वाली सेना अब खुद भीतर से ही कमजोर होती नजर आ रही है.
भारत अब कर रहा है 'न्याय की कार्रवाई'
भारत की नीति अब सिर्फ 'संयम' तक सीमित नहीं रही. ‘प्रोएक्टिव डिटरेंस’ यानी पहले हमला कर दुश्मन को चेतावनी देना अब रणनीति का हिस्सा बन चुका है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसका सबसे सटीक उदाहरण है — जहां हमला होते ही जवाब न सिर्फ दिया गया, बल्कि दुश्मन के घर में घुसकर दिया गया.
पाक सेना का डैमेज कंट्रोल भी नाकाम
पाक सेना अब बयान जारी करके खुद को संभालने की कोशिश कर रही है. कभी कहती है भारत घुसा नहीं, तो कभी कहती है कोई नुकसान नहीं हुआ — लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. अब ये दोहरी बातें किसी को गुमराह नहीं कर पा रहीं.
एक युग का अंत, नई हकीकत की शुरुआत
असीम मुनीर की चुप्पी और पाकिस्तान की निष्क्रियता इस बात का संकेत है कि आतंक को हथियार बनाकर रणनीति गढ़ने वाला दौर खत्म हो चुका है. भारत ने अब अपने शब्दों से नहीं, कर्मों से जवाब देना शुरू कर दिया है — और ये नया भारत हर हमले का हिसाब उसी भाषा में देने को तैयार है.
यह भी पढ़ें: खतरा अभी टला नहीं! भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान? जानिए मुनीर की सेना कैसे कर सकती है पलटवार