Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में जो कदम उठाया, वह न सिर्फ सैन्य रूप से सटीक था, बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद प्रभावशाली रहा. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी संगठनों के ठिकानों पर करारा प्रहार किया.
रात की खामोशी में हुआ सर्जिकल प्रहार
भारतीय वायुसेना ने रात के अंधेरे में इस सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दिया, जहां लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों के नौ ठिकानों को मिसाइल हमले से ध्वस्त कर दिया गया. ये स्थान आतंकवादी गतिविधियों के लिए मुख्य हब माने जाते थे. कार्रवाई के दौरान लश्कर के दो शीर्ष कमांडर भी मारे गए.
पूर्व सेनाध्यक्ष का बड़ा बयान
सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने इस अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पिक्चर अभी बाकी है." उनका यह बयान स्पष्ट संकेत है कि यदि पाकिस्तान कोई जवाबी कार्रवाई करता है या भारत पर सीधा हमला करने की कोशिश करता है, तो भविष्य में और भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं.
रक्षा मंत्रालय ने दी स्पष्टता
रक्षा मंत्रालय ने इस ऑपरेशन को एक "संतुलित लेकिन ठोस प्रतिक्रिया" बताया. मंत्रालय के अनुसार, भारत ने इस हमले में पाकिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया, जो यह दिखाता है कि भारत का मकसद युद्ध नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ सटीक कार्रवाई करना है.
पाकिस्तानी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय नजरिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कार्रवाई को "युद्ध जैसी स्थिति" करार दिया है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कदम केवल आतंकवाद के विरुद्ध था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस कदम को एक जिम्मेदार प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है.
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