मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव ने एक नया आयाम ले लिया है. 12-13 जून की रात, इजरायली सेना (IDF) ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा और सटीक हवाई हमला किया, जिसने तेहरान को कड़ा झटका दिया. इस हमले में ईरान के उच्चस्तरीय सैन्य अधिकारी और परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख भी निशाने पर आए और मारे गए. इस अभियान का नाम रखा गया है—‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ यानी ‘उभरता शेर’.
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह नाम सिर्फ एक ऑपरेशन का नहीं, बल्कि इजरायल की गहरी सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है?
नेतन्याहू का वेस्टर्न वॉल पर संदेश
हमले के ठीक पहले, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यरुशलम की पवित्र पश्चिमी दीवार (वेस्टर्न वॉल) में एक नोट रखा. इस नोट में लिखा था— "देखो, लोग एक महान शेर के रूप में उठेंगे और खुद को एक युवा शेर के रूप में ऊपर उठाएंगे." यह पंक्ति बाइबिल के ‘बुक ऑफ नंबर्स’ के अध्याय 23, श्लोक 24 से ली गई है.
बाइबिल की कहानी: शेर का संदेश
यह लाइन उस भविष्यवाणी का हिस्सा है, जिसे बालाम नामक एक भविष्यवक्ता ने कही थी. कथा के अनुसार, मोआबी का राजा बालाक डर गया था जब उसे यरूशलेम के लोग जंगलों में आते देखे. वह बालाम को बुलाकर उन्हें इजरायलियों को श्राप देने का आदेश देता है.
लेकिन, बालाम को ईश्वर ने चेतावनी दी कि वह इजरायलियों के खिलाफ कोई बुरी बात न कहे. बालाम ने कई बार बालाक की इच्छा के विपरीत इजरायलियों को आशीर्वाद दिया. उसी आशीर्वाद का यह अंश था— "देखो, वे एक शक्तिशाली शेर की तरह उठेंगे और तब तक नहीं थकेंगे जब तक वे अपनी मंजिल हासिल न कर लें."
रणनीतिक संदेश और प्रभाव
इजरायल ने इस बाइबिलीय उद्धरण को न सिर्फ अपनी सैन्य ताकत के प्रतीक के रूप में चुना है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी है कि वे संघर्ष में हार मानने वालों में से नहीं हैं. ‘राइजिंग लायन’ नाम से यह ऑपरेशन इजरायल की दृढ़ता, साहस और सामरिक श्रेष्ठता का परिचायक है. इस हमले ने यह भी दिखा दिया कि इजरायल मध्य पूर्व का एक बड़ा किलर प्लेयर है, जो अपने दुश्मनों को बड़ी सटीकता और योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाता है.
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