ऑपरेशन गिदोन चैरियट: दुश्मनों पर काल बनकर बरसेगी सेना, यहूदी करेंगे गाजा पर राज!

    इजरायल ने गाज़ा पट्टी पर अपने सबसे आक्रामक सैन्य अभियानों में से एक की शुरुआत करते हुए ‘ऑपरेशन गिदोन चैरियट’ का ऐलान किया है.

    Operation Gideon Chariot army Jews will rule Gaza
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    मध्य पूर्व में एक बार फिर हालात विस्फोटक हो गए हैं. इजरायल ने गाज़ा पट्टी पर अपने सबसे आक्रामक सैन्य अभियानों में से एक की शुरुआत करते हुए ‘ऑपरेशन गिदोन चैरियट’ का ऐलान किया है. यह कार्रवाई हमास को खत्म करने और उसके कब्जे में मौजूद बंधकों को छुड़ाने के उद्देश्य से की जा रही है. इस ऑपरेशन के तहत इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने गाज़ा के रणनीतिक क्षेत्रों में सैनिकों की बड़े पैमाने पर तैनाती की है.

    गाज़ा में भारी तबाही, महिलाओं और बच्चों की भी मौत

    गुरुवार को हुए हमलों में गाज़ा के नागरिक सुरक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक करीब 250 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. हमलों की तीव्रता को देखते हुए स्थानीय आबादी में दहशत फैल गई है.

    ऑपरेशन गिदोन चैरियट: उद्देश्य और रणनीति

    ‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस सैन्य अभियान का नाम बाइबिल के योद्धा गिदोन के नाम पर रखा गया है. ऑपरेशन के तहत इजरायल गाज़ा के दक्षिणी क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करना, हमास के ठिकानों को ध्वस्त करना और मानवीय सहायता की आपूर्ति को सीमित करना चाहता है. यह भी कहा गया है कि इजरायली सेना गाज़ा में “गंभीर ज़मीनी प्रवेश” की योजना पर काम कर रही है.

    बंधकों की रिहाई तक नहीं रुकेगा अभियान: IDF

    IDF ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि जब तक हमास को पूरी तरह खत्म नहीं कर दिया जाता और सभी बंधक सुरक्षित वापस नहीं लाए जाते, अभियान जारी रहेगा. इजरायली सेना का दावा है कि उसने बीते 24 घंटों में 150 से अधिक आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है.

    अंतरराष्ट्रीय दबाव और आलोचना

    भले ही दुनिया भर से युद्धविराम की अपीलें तेज हो रही हैं, लेकिन इजरायल ने अब तक किसी भी तरह के विराम के संकेत नहीं दिए हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक ने गाज़ा में मानवीय संकट की ओर इशारा करते हुए कहा,

    “गाज़ा में लोग भूख से मर रहे हैं.”

    वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने इजरायल की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून का संभावित उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि गाज़ा के नागरिकों को जबरन विस्थापित करना, बस्तियों को पूरी तरह तबाह करना और मानवीय सहायता से इनकार करना “जातीय सफाई” जैसे गंभीर आरोपों की श्रेणी में आ सकता है.

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