ऑनलाइन ऑर्डर करके शख्स ने मंगवाया पनीर रोल, पैकेट खोलते ही उड़े गए होश, जानें पूरा मामला

    सोचिए, सावन के पवित्र महीने में जब किसी ने व्रत-उपवास के बाद पनीर टिक्का रोल खाने की सोची हो... और डिलीवरी पैकेट खोलते ही उसमें से अंडे की महक आने लगे तो क्या हाल होगा?

    online-food-order-reality-ajab-gajab-viral-news
    Image Source: Meta AI

    Ajab Gajab Khabar: सोचिए, सावन के पवित्र महीने में जब किसी ने व्रत-उपवास के बाद पनीर टिक्का रोल खाने की सोची हो... और डिलीवरी पैकेट खोलते ही उसमें से अंडे की महक आने लगे तो क्या हाल होगा? ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में, जहां एक ग्राहक ने ऑनलाइन डबल पनीर टिक्का काठी रोल ऑर्डर किया और बदले में मिल गया 'एग रोल का झटका'. जी हां, एक तरफ व्रत का भाव और दूसरी तरफ गलती से भेजा गया अंडा, मामला सिर्फ मज़ाक नहीं रहा, बल्कि सीधा खाद्य विभाग तक पहुंच गया.

    खाद्य विभाग से की शिकायत

    माता मोहल्ला के निवासी व्यापारी माधव माहेश्वरी को जब उनका स्विगी से ऑर्डर मिला, तो उन्होंने बिना देरी किए पैकेट खोला. लेकिन जैसे ही रोल से एग की खुशबू आई, वे समझ गए कि कुछ गड़बड़ है. जब रोल को खोलकर देखा, तो पनीर तो दूर-दूर तक नहीं मिला, बल्कि पूरा रोल अंडे से बना हुआ था. अब मामला छोटा नहीं था, धार्मिक भावनाओं से जुड़ा था और सावन जैसे विशेष माह में यह गलती ग्राहकों के लिए अस्वीकार्य थी. माधव माहेश्वरी ने फौरन इसकी शिकायत न सिर्फ स्विगी कंपनी से, बल्कि खाद्य विभाग और संबंधित क्लाउड किचन से भी कर डाली. जैसे ही शिकायत दर्ज हुई, खाद्य विभाग की टीम ने सक्रियता दिखाई और मेरठ रोड स्थित गांधी विहार कॉलोनी में संचालित उस क्लाउड किचन से खाद्य सामग्री के नमूने लिए. इसके साथ ही स्विगी को भी नोटिस भेजा गया है, ताकि इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो.

    ऑनलाइन ऑर्डर पर उठा सवाल!

    रेस्टोरेंट ने अपनी गलती मान ली है और कहा है कि ‘गलती से एग रोल की डिश पैक हो गई.’ मगर सवाल यह है कि सावन जैसे विशेष समय में, जब लोग खानपान को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं, क्या ऐसी गलती सिर्फ "माफ कर देने" वाली है? यह घटना केवल एक ग्राहक की समस्या नहीं, बल्कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी सिस्टम की लापरवाही का उदाहरण है. जब लाखों लोग धार्मिक और स्वास्थ्य कारणों से खानपान में प्रतिबंध रखते हैं, तो यह सुनिश्चित करना रेस्तरां और डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि जो ऑर्डर लिया गया है, वही डिलीवर किया जाए, वो भी पूरी सटीकता के साथ. इस गलती ने भले ही सिर्फ एक ग्राहक को प्रभावित किया हो, लेकिन इससे उठे सवाल पूरे सिस्टम पर हैं, कि क्या हम ऑनलाइन ऑर्डर पर आँख बंद करके भरोसा कर सकते हैं?

    ये भी पढ़ें- पाकिस्तान के पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और लाहौर में भारी तबाही, अबतक 250 से अधिक मौतें, जानिए क्या है कारण?