एक मंडप, एक कार्ड और एक साथ 6 भाई-बहनों की शादी, हरियाणा के इस परिवार ने ऐसे बचाए लाखों रुपए

    जब सोच नई हो और इरादे मजबूत, तो परंपराओं में भी नवाचार की झलक मिलती है. हरियाणा के हिसार जिले के गावड़ गांव में ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला, जहां एक ही परिवार के 6 भाई-बहनों की शादी एक साथ की गई़.

    One mandap one card and marriage of 6 siblings together this is how this family from Haryana saved lakhs of rupees
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    हिसार (हरियाणा): जब सोच नई हो और इरादे मजबूत, तो परंपराओं में भी नवाचार की झलक मिलती है. हरियाणा के हिसार जिले के गावड़ गांव में ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला, जहां एक ही परिवार के 6 भाई-बहनों की शादी एक साथ की गई. इस कदम ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि बदलते सामाजिक नजरिए का परिचय भी दिया.

    यह आयोजन दो भाइयों – राजेश पूनिया और अमर सिंह पूनिया – के परिवार में हुआ. दोनों किसान हैं और गांव की ढाणियों (खेतों में बसे घर) में रहते हैं. महंगाई और समय की कमी को ध्यान में रखते हुए परिवार ने फैसला किया कि सभी बच्चों की शादियां एक ही समय पर की जाएं.

    एक साथ बंधे सात फेरे में छह रिश्ते

    18 और 19 अप्रैल को हुए इस आयोजन में राजेश पूनिया और अमर सिंह पूनिया के कुल छह बेटा-बेटियों की शादियां करवाई गईं. बेटे संदीप और संजय की शादियां 18 अप्रैल को हुईं, जबकि चारों बेटियों – कविता, प्रियंका, मोनिका और प्रीति – की शादियां 19 अप्रैल को सम्पन्न हुईं.

    पढ़े-लिखे और संस्कारी बच्चे

    इस परिवार के बच्चे न सिर्फ पढ़े-लिखे हैं, बल्कि व्यवहार में भी संस्कारों की झलक मिलती है. संदीप ITI करके गुरुग्राम की एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है. उसकी शादी रेनू से हुई. संजय बीए पास है और सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटा है, उसकी शादी मीना से हुई.

    राजेश की बेटी कविता और प्रियंका ने बीए की पढ़ाई की है. कविता की शादी नवीन से और प्रियंका की शादी मनजीत से हुई. वहीं अमर सिंह की बेटी मोनिका, जो बीए और बीएड के साथ CTET भी पास कर चुकी हैं, बड़वा के एक निजी स्कूल में पढ़ा रही थीं. उनकी शादी जयप्रकाश से हुई. तीसरी बेटी प्रीति ने भी बीए किया है और उनकी शादी सुनिल से हुई.

    सामूहिक आयोजन, एक मजबूत संदेश

    परिवार के सदस्य रवि पूनिया ने बताया कि इस पहल के पीछे मुख्य मकसद महंगाई और समय की बचत था. “एक-एक कर बार-बार शादियां करने से न सिर्फ खर्च बढ़ता है, बल्कि समय भी बहुत जाता है. हम सभी ने मिलकर सोचा कि क्यों न एक साथ सभी बच्चों की शादी करके इस मौके को खास और यादगार बनाया जाए.”

    गांव में बनी चर्चा का विषय

    इस संयुक्त विवाह समारोह की पूरे इलाके में खूब चर्चा हो रही है. नातेदारी निभाने आए लोग भी इस फैसले से बेहद प्रभावित नजर आए. कम खर्च में भव्य आयोजन और सादगी से सजा यह विवाह न सिर्फ परिवार के लिए यादगार बन गया, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी बन गया.

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