'एक बार कमिट किया, उसके बाद अपनी भी नहीं सुनता', नौसेना प्रमुख की पाकिस्तान को चेतावनी

    देश की सैन्य ताकत और सामूहिक रणनीति की सफलता को दर्शाते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक "राष्ट्रीय विजय" करार दिया। उन्होंने गुरुवार को CII बिजनेस समिट के मंच से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन भारत की एकजुटता, सच्चाई और दृढ़ निश्चय का परिणाम है।

    Once commit then dont listen my won airforce chief statement over operation sindoor
    Image Source: ANI

    देश की सैन्य ताकत और सामूहिक रणनीति की सफलता को दर्शाते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक "राष्ट्रीय विजय" करार दिया। उन्होंने गुरुवार को CII बिजनेस समिट के मंच से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन भारत की एकजुटता, सच्चाई और दृढ़ निश्चय का परिणाम है।

    सभी बलों की साझा ताकत से हासिल हुई सफलता

    अपने संबोधन में एयर चीफ मार्शल ने कहा, “यह केवल एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की जीत है। इस ऑपरेशन को बेहद पेशेवर तरीके से अंजाम दिया गया। सेना के तीनों अंगों—जल, थल और वायु—के साथ-साथ सभी एजेंसियों ने मिलकर इसमें हिस्सा लिया।" उन्होंने इस दौरान ज़ोर देकर कहा कि जब मकसद स्पष्ट हो और सच्चाई साथ हो, तो हर मुश्किल रास्ता आसान बन जाता है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस लड़ाई में भगवान भी हमारे साथ थे, क्योंकि हमारा मार्ग सत्य का था।”

    वायुसेना की अहम भूमिका और आत्मनिर्भरता की ज़रूरत

    एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चाहे जमीनी अभियान हों या समुद्री मिशन—वायुसेना की भूमिका अहम है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब भारत को सिर्फ उत्पादन पर नहीं, बल्कि ‘डिज़ाइन से लेकर डिलीवरी तक’ की पूरी प्रक्रिया देश में ही विकसित करनी होगी। “हमें केवल ‘मेक इन इंडिया’ नहीं, बल्कि ‘डिज़ाइन इन इंडिया’ पर भी काम करना चाहिए। जब हम खुद डिज़ाइन करना शुरू करेंगे, तभी उत्पादन की असली क्षमता सामने आएगी।”

    सैन्य और औद्योगिक साझेदारी पर दिया ज़ोर

    वायुसेना प्रमुख ने सेना और उद्योग जगत के बीच सहयोग को और मज़बूत करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारे बीच संवाद लगातार चलता रहना चाहिए। पारदर्शिता और विश्वास इस रिश्ते की नींव हैं। अगर यह रिश्ता मजबूत रहेगा, तभी देश की रक्षा और विकास साथ-साथ आगे बढ़ सकेंगे।”

    ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’

    अपने संबोधन के अंत में एयर चीफ मार्शल ने रक्षा मंत्री की कही बात को दोहराते हुए कहा, “हमारी संस्कृति और फौजी अनुशासन यही सिखाता है—‘प्राण जाए पर वचन न जाए’। एक बार जो कमिटमेंट कर दिया, उसके बाद हम अपने आप की भी नहीं सुनते। यही भावना ऑपरेशन सिंदूर की आत्मा रही है।”

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