परमाणु युद्ध की चेतावनी, तीसरा विश्व युद्ध करीब... क्या रूस पर हमले से शुरू होगा कलयुग का 'महायुद्ध'?

    पश्चिमी सीमा से नाटो और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को ताजा कर दिया है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    दुनिया एक अजीब स्थिति से गुजर रही है, जहां एक नया वैश्विक संघर्ष कोई भी रूप ले सकता है. खासतौर पर रूस के पश्चिमी सीमा से नाटो और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को ताजा कर दिया है. रूस की मीडिया में लगातार यह रिपोर्टें सामने आ रही हैं कि रूस पर पश्चिमी देशों, खासकर नाटो द्वारा परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है.

    नाटो से बढ़ते तनाव और परमाणु युद्ध की चेतावनी

    रूस के प्रमुख मीडिया आउटलेट्स, जैसे कि कोम्सोमोल्स्काया प्रावदा (केपी), नाटो के साथ परमाणु संघर्ष की गंभीर चेतावनी दे रहे हैं. इन रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इस दशक के अंत तक पश्चिमी देश रूस पर हमला कर सकते हैं. रूस के करीबी विशेषज्ञों और क्रेमलिन के सलाहकारों का कहना है कि पश्चिमी देश, विशेष रूप से यूरोपीय देश और ब्रिटेन, रूस के खिलाफ व्यापक युद्ध की योजना बना रहे हैं. इन रिपोर्टों का दावा है कि यह युद्ध रूस को तोड़ने के उद्देश्य से हो सकता है, और इसका परिणाम तीसरे विश्व युद्ध के रूप में सामने आ सकता है.

    रूस और नाटो के बीच बढ़ता संघर्ष

    रूस और नाटो के बीच तात्कालिक तनाव और भी बढ़ सकते हैं. अमेरिकी सेना के जनरल क्रिस्टोफर डोनह्यू ने हाल ही में कैलिनिनग्राद क्षेत्र पर हमले की बात की थी, जो नाटो देशों से घिरा हुआ है. यह क्षेत्र रूस के बाकी हिस्सों से अलग स्थित है, और अगर नाटो इसे लक्षित करता है, तो रूस ने साफ तौर पर कहा है कि वह इस इलाके की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, जिसमें परमाणु हथियारों का उपयोग भी शामिल हो सकता है.

    फिनलैंड और मोल्दोवा पर नज़रें

    रूस के विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि हाल ही में नाटो में शामिल हुआ फिनलैंड, रूस पर हमले का लॉन्च पैड बन सकता है. इसके अलावा, रूस की खुफिया एजेंसी एसवीआर ने मोल्दोवा को सैन्य अड्डे में बदलने का आरोप लगाया है, जिससे पूर्वी यूरोप में नाटो और रूस के बीच एक और टकराव की संभावना बढ़ रही है.

    युद्ध की खाई में गिरने का खतरा

    रूसी सैन्य टिप्पणीकार जिमोव्स्की ने चेतावनी दी है कि यदि सेंट पीटर्सबर्ग या कैलिनिनग्राद पर हमला हुआ, तो यह पूरे क्षेत्र में व्यापक युद्ध की शुरुआत हो सकता है. इसी बीच, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने भी तीसरे विश्व युद्ध के आसन्न खतरे को लेकर चिंता जताई है. उनका मानना है कि अमेरिका और यूरोप के कदमों से यह संघर्ष और बढ़ सकता है.

    क्या तीसरा विश्व युद्ध अब बस एक कदम दूर है?

    इन घटनाओं और रिपोर्टों से एक बात साफ है कि रूस और नाटो के बीच बढ़ता तनाव दुनिया के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है. यदि यह संघर्ष आगे बढ़ता है, तो इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं. इसके चलते दुनिया में एक नई वैश्विक युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

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