सोशल मीडिया पर हाल ही में एक खबर ने सनसनी मचा दी है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत के सैन्य हमलों के बाद पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से रेडिएशन लीक हो गया है, जिससे वहां की जनता गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही है. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि विदेशी विमान पाकिस्तान में इस आपदा को नियंत्रित करने के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन क्या यह सच है, या फिर यह सिर्फ अफवाहों का एक और दौर है? आइए, इस पर गौर करें.
क्या है मामला?
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने दावा किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के परमाणु संयंत्रों या संवेदनशील सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप रेडिएशन लीक हुआ. इन पोस्ट्स में कथित तस्वीरें और वीडियो भी साझा किए गए, जिनमें प्रभावित इलाकों की भयावह स्थिति दिखाई गई. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि किराना हिल्स स्थित पाकिस्तानी परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा है, और अमेरिकी परमाणु सुरक्षा सहायता विमान वहां पहुंचकर तैनात हो गया है. हालांकि, भारतीय वायुसेना ने इन दावों का खंडन किया है.
भारतीय वायुसेना का स्पष्टीकरण
भारतीय वायुसेना ने स्पष्ट किया है कि उसने पाकिस्तान के किराना हिल्स स्थित परमाणु संयंत्रों को निशाना नहीं बनाया. वायुसेना के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नूर खान और सरगोधा एयरबेसों को लक्षित किया गया था, जो पाकिस्तान की सैन्य क्षमता के महत्वपूर्ण केंद्र थे. वायुसेना ने यह भी कहा कि रेडिएशन लीक की कोई सूचना नहीं है, और सभी दावे निराधार हैं.
किराना हिल्स का महत्व
किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित एक पहाड़ी क्षेत्र है, जो पाकिस्तान वायुसेना के मुशाफ एयरबेस का हिस्सा है. यह क्षेत्र पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के अधीन है और इसे एक संवेदनशील परमाणु स्थल माना जाता है. यहां 1983 से 1995 के बीच "किराना-I" नामक कोड के तहत 24 हल्के परमाणु परीक्षण किए गए थे. हालांकि, भारतीय वायुसेना ने इस क्षेत्र को लक्षित नहीं किया है.
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