Bihar government job fees: सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं को सीएम नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़ी सौगात दी है. बिहार सरकार ने युवाओं के सपनों को थोड़ा और सस्ता, और थोड़ा और आसान बना दिया है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को एक सीधा, सरल और सटीक तोहफा दिया है.
राजधानी पटना से सीएम नीतीश कुमार ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक अहम घोषणा की. उन्होंने लिखा, "राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए तथा उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए हमारी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं. अब हमलोगों ने युवाओं के हित में एक निर्णय और लिया है." इस फैसले के पीछे मकसद है कि सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया को युवाओं के लिए सुलभ बनाना. फॉर्म फीस को कम कर आर्थिक बोझ को हल्का करना.
राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए तथा उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए हमारी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। अब हमलोगों ने युवाओं के हित में एक निर्णय और लिया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्यस्तरीय सरकारी नौकरी हेतु सभी आयोगों…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 15, 2025
अब सरकारी नौकरी का फॉर्म सिर्फ ₹100 में!
सीएम नीतीश कुमार ने अपनी घोषणा में कहा कि अब बिहार में सरकारी नौकरी के प्रारंभिक (PT) परीक्षा फॉर्म के लिए सिर्फ ₹100 शुल्क लिया जाएगा. इससे पहले विभिन्न आयोगों की फीस अलग-अलग होती थी, जिससे छात्रों पर वित्तीय दबाव रहता था.
और सबसे खास बात?
जो छात्र PT पास करके मुख्य परीक्षा (Mains) तक पहुंचेंगे, उन्हें अब किसी तरह की फीस नहीं देनी होगी. यानी मुख्य परीक्षा अब बिलकुल मुफ्त हो जाएगी.
किन परीक्षाओं पर लागू होगा ये नियम?
यह नियम राज्य के सभी प्रमुख भर्ती आयोगों पर लागू होगा, जैसे:
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC)
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC)
बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC)
बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग
केन्द्रीय सिपाही चयन पर्षद (CSBC)
क्यों खास है ये फैसला?
इस पहल से न सिर्फ लाखों छात्रों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को बेहतर मौका मिलेगा. युवाओं में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उत्साह बढ़ेगा. सरकारी भर्ती में समान अवसर सुनिश्चित होगा. शिक्षा और रोजगार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है.
राजनीति भी है पीछे?
हालांकि यह फैसला युवाओं के हित में है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे चुनावी दांव के तौर पर भी देखा जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस जैसे मौके पर इस तरह की घोषणा से यह संकेत भी गया है कि सरकार 2025 के चुनावों की तैयारी में है, और युवाओं को लुभाना उसका प्रमुख एजेंडा है.
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