नई दिल्ली: अगर सरकार की योजनाएं अपने निर्धारित समय पर अमल में आ गईं, तो फास्टैग (FASTag) केवल टोल टैक्स देने का जरिया नहीं रहेगा. अब यह एक मल्टीपर्पज डिजिटल पेमेंट सिस्टम के रूप में विकसित होने जा रहा है. आने वाले समय में वाहन मालिक फास्टैग का इस्तेमाल ट्रैफिक चालान, पार्किंग शुल्क, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग और इंश्योरेंस प्रीमियम जैसी सेवाओं के भुगतान के लिए भी कर सकेंगे.
डिजिटल भुगतान के लिए फास्टैग को बनाया जाएगा सर्विस हब
सरकार अब फास्टैग को एक व्यापक पेमेंट प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में है. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय इस दिशा में पहल कर चुका है और वित्त मंत्रालय, फिनटेक कंपनियों और अन्य डिजिटल पेमेंट संस्थाओं से इस संबंध में संवाद कर रहा है. एक वर्कशॉप के जरिए इस तकनीक के नए उपयोगों पर भी मंथन हो चुका है.
अब तक 11 करोड़ से ज्यादा फास्टैग हुए जारी
वर्ष 2016 में लॉन्च किए गए फास्टैग सिस्टम ने बीते कुछ सालों में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक 11 करोड़ से अधिक फास्टैग अब तक बैंकों द्वारा जारी किए जा चुके हैं. यह टेक्नोलॉजी RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) पर काम करती है, जो वाहन की विंडशील्ड पर लगे स्टिकर से टोल नाके पर बिना रुके ऑटोमैटिक पेमेंट संभव बनाती है.
सिर्फ एक कार्ड से सारे रोड खर्च होंगे कवर
सरकार का उद्देश्य है कि सड़क यात्राओं के दौरान लगने वाले सभी भुगतान एक ही फास्टैग अकाउंट से किए जा सकें. इससे न केवल वाहन चालकों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि अलग-अलग ऐप्स या पोर्टल्स पर बार-बार भुगतान करने की जरूरत भी नहीं रहेगी. इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और व्यवस्था और अधिक पारदर्शी बनेगी.
15 अगस्त से लॉन्च होगा ‘फास्टैग वार्षिक पास’
सरकार ने हाल ही में एक और बड़ी घोषणा की है – अब वाहन मालिक 3,000 रुपये में सालाना फास्टैग पास ले सकेंगे. यह पास 15 अगस्त 2025 से उपलब्ध होगा और इसके जरिए पूरे साल नेशनल हाइवे पर असीमित यात्रा की जा सकेगी. इस पास को NHAI की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकेगा.
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